11 जून को त्रिस्पर्शी महाद्वादशी का योग, इस दिन पूजा-व्रत और उपाय करने का मिलेगा 3 गुना फायदा

इस बार 11 जून, शनिवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि है। धर्म ग्रंथों में इसे त्रिविक्रम द्वादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विधान है।
 

Manish Meharele | Published : Jun 10, 2022 7:18 AM IST

उज्जैन. ज्योतिषियों के अनुसार, इस बार त्रिविक्रम द्वादशी पर एक के बाद तीन तिथि होने से इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है साथ ही इस दिन सर्वार्थसिद्धि नाम का शुभ योग भी पूरे दिन रहेगा। एक ही दिन में 3 तिथि का संयोग होने से त्रिस्पर्शा महाद्वादशी कहलाएगी। ऐसा संयोग बहुत कम बनता है। इस शुभ योग में किए गए स्नान-दान, व्रत और पूजा-पाठ का फल तीन गुना मिलता है, ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। स्कंद, नारद और ब्रह्मवैवर्त पुराण में भी इस तिथि का महत्व बताया गया है। आगे जानिए इस तिथि के बारे में और भी खास बातें…

इसलिए बन रहा है त्रिस्पर्शा योग
ज्योतिषियों के अनुसार, जब सूर्योदय के कुछ समय पहले तक एकादशी तिथि और उसके बाद पूरे दिन द्वादशी तिथि होने के बाद रात्रि में ही त्रयोदशी तिथि आरंभ हो जाए तो इसे त्रिस्पर्शा द्वादशी कहते हैं। इस तरह एक ही दिन में तीन (एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी) तिथियां होने से त्रिस्पर्शा तिथि का योग बनता है। इस शुभ योग में की गई पूजा, उपवास, उपाय, दान आदि का 3 गुना फल मिलता है। हालांकि ऐसा संयोग कई सालों में एक बार बनता है, इसलिए इसका महत्व कई गुना अधिक माना गया है।

इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा
- त्रिस्पर्शा त्रिविक्रम द्वादशी की सुबह यानी 11 जून को सूर्योदय से पहले उठकर पानी में तिल मिलाकर स्नान करें और व्रत-पूजा का संकल्प लें। इसके बाद किसी साफ स्थान पर भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद गाय के शुद्ध घी का दीपक लगाएं।
- सबसे पहले भगवान विष्णु को तिलक लगाएं और हार पहनाएं। इसके बाद पंचोपचार( कुंकुम, चावल, रोली, गुलाल, अबीर) पूजा करें। धूपबत्ती या अगरबत्ती जलाएं। अपनी इच्छा अनुसार शुद्धतापूर्वक बनाया भोग लगाएं।
- इस प्रकार पूजा करने के बाद भगवान विष्णु की आरती करें और प्रसाद बांट दें। अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन करवाने के बाद स्वयं व्रत का पारण करें। व्रत खोलते समय चावल या इससे बनी अन्य चीजें खाने से बचें।

भगवान विष्णु की आरती...
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करे॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ॐ जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिन और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ॐ जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ॐ जय...॥
तुम करुणा के सागर तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ॐ जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ॐ जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ॐ जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ॐ जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ॐ जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ॐ जय...॥ 

ये भी पढ़ें-

Vastu Tips For Prosperity: जेब में नहीं टिकता पैसा तो करें घर के मेन डोर से जुड़े ये उपाय, दूर होगी परेशानी

Latest Videos


Feng Shui Tips: ये 3 शो-पीस घर में रखने से दूर होता है बैड लक, खुल जाते हैं बंद किस्मत के दरवाजे!

Palmistry: आपकी हथेली पर भी है क्रॉस का निशान तो हो जाईए सावधान, जानिए इसके फायदे और नुकसान

 

Share this article
click me!

Latest Videos

आखिर क्या है ISRAEL की ताकत का सबसे बड़ा राज
20 सबसे यंग चेहरे, जो हरियाणा चुनाव 2024 में बड़े-बड़ों को देंगे मात!
Hezbollah में जो लेने वाला था नसरल्ला की गद्दी, Israel ने उसे भी ठोका
Rahul Gandhi LIVE: राहुल गांधी का हरियाणा के महेंद्रगढ़ में जनता को संबोधन।
हरियाणा चुनाव के10 अमीर प्रत्याशीः बिजनेसमैन सावित्री जिंदल से धनवान है यह कैंडीडेट