आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन यानी नवमी तिथि को भड़ली नवमी (Bhadli Navami 2022) कहते हैं। इस तिथि को साल में आने वाले 4 अबूझ मुहूर्तों में से एक कहा जाता है। यानी इस दिन बिना मुहूर्त देखे में विवाह आदि मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। इस बार ये तिथि 8 जुलाई, शुक्रवार को है।
उज्जैन. पुरी के ज्योतिषाचार्य डॉ. गणेश मिश्र के अनुसार, भड़ली नवमी पर भवन निर्माण, यज्ञोपवीत, मुंडन, नूतन गृह प्रवेश, व्यवसायिक प्रतिष्ठान का प्रारंभ आदि प्रकार के शुभ कार्य करना भी शुभ माना जाता है। गुप्त नवरात्रि की अंतिम तिथि होने से भी इसका विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। इस बार भड़ली नवमी पर कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जिसके चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है। आगे जानिए भड़ली नवमी से जुड़ी खास बातें…
कब से कब तक रहेगी ये तिथि, कौन-से शुभ योग बनेंगे?
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ शुक्ल नवमी तिथि 07 जुलाई, गुरुवार की शाम 07:28 बजे शुरू होगी. जो 08 जुलाई, शुक्रवार की शाम 06:25 तक रहेगी। 8 जुलाई को भड़ली नवमी पर 3 शुभ योग शिव, सिद्ध और रवि योग बन रहे हैं। 8 जुलाई को शिव योग सुबह 09:01 बजे तक रहेगा, इसके बाद सिद्ध योग शुरू हो जाएगा, जो पूरे दिन रहेगा। वहीं रवि योग 8 जुलाई को दोपहर 12:14 से शुरू होकर 9 जुलाई की शाम 05:30 तक रहेगा।
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) का अंतिम दिन
8 जुलाई, शुक्रवार को आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का अंतिम दिन है। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मान्यताओं के अनुसार, नवरात्रि के 9 दिनों में जो भी पूजा, तप और उपाय आदि किए जाते हैं, उनका फल देवी सिद्धिदात्री ही भक्तों को प्रदान करती है। अगर कोई व्यक्ति गुप्त नवरात्रि में देवी पूजा न कर पाया हो और वह अंतिम दिन भी देवी की पूजा करे तो पूरे 9 दिनों तक की गई पूजा की फल उसे मिल सकता है। इस दिन गुप्त नवरात्रि में किए जाने वाले अनुष्ठानों की पूर्णाहुति भी होती है।
इस दिन कर सकते हैं ये उपाय
गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन 10 वर्ष से कम उम्र की कन्याओं को घर बुलाकर उनकी पूजा करें और भोजन करवाएं। खाने में खीर अवश्य होनी चाहिए क्योंकि ये देवी का प्रिय आहार है। इसके बाद सभी कन्याओं को कुछ न कुछ उपहार जरूर दें। इस तरह गुप्त नवरात्रि के अंतिम दिन ये छोटा सा उपाय करने से आपकी हर इच्छा पूरी हो सकती है।
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