Dhanteras 2022: 178 साल बाद धनतेरस पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग, 22 को दीपदान और 23 को करें धन्वंतरि पूजा

Published : Oct 19, 2022, 08:52 AM IST
Dhanteras 2022: 178 साल बाद धनतेरस पर ग्रहों का दुर्लभ संयोग, 22 को दीपदान और 23 को करें धन्वंतरि पूजा

सार

Dhanteras 2022: इस बार दीपोत्सव 22 से 27 अक्टूबर तक मनाया जाएगा यानी 6 दिन। ऐसा संयोग कई दशकों में एक बार बनता है। ऐसा तिथियों में घट-बढ़ के कारण होगा। दीपावली (Diwali 2022) पर दिन में पूजा का कोई मुहूर्त नहीं है।  

उज्जैन. इस बार दीपावली पर्व को लेकर लोगों के मन में संशय बना हुआ है कि किस तिथि पर कौन-सा पर्व मनाया जाए। ऐसी स्थिति तिथियों की घट-बढ़ के कारण बन रही है। हालांकि एक बात तय है कि इस बार दीपोत्सव का पर्व 5 नहीं बल्कि 6 दिन मनाया जाएगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार, इस दिन धनतेरस (Dhanteras 2022) पर दो दिन मनाया जाएगा, वहीं दीपावली (Diwali 2022) के दूसरे दिन सूर्य ग्रहण होने से ये दिन पूजा-पाठ आदि के लिए वर्जित रहेगा। इस बार दीपावली पर ग्रहों का खास संयोग भी बन रहा है।

धनतेरस पर्व 2 दिन
ज्योतिषाचार्य पं. व्यास के अनुसार, कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि 22 अक्टूबर, शनिवार की दोपहर 3.03 से 23 अक्टूबर, रविवार की शाम 5.20 बजे तक रहेगी, इसके बाद चतुर्दशी तिथि शुरू होगी। धनतेरस पर यमराज के निमित्त दीपदान का महत्व है, जो 22 अक्टूबर, शनिवार को किया जाना शुभ रहेगा, जबकि धन्वन्तरि पूजा 23 अक्टूबर, रविवार की सुबह की जा सकेगी। इस बार धनतेरस पर धन के कारक गुरु स्वराशि मीन में और स्थायित्व के कारक शनि स्वराशि मकर में रहेंगे। ऐसा संयोग 178 साल पहले की धनतेरस पर 8 नवंबर 1844 को बना था।

दीपावली पर दिन में कोई मुहूर्त नहीं
इस बार दीपावली पर दिन में पूजा का कोई शुभ मुहूर्त नहीं है क्योंकि 24 अक्टूबर, सोमवार की शाम लगभग 6 बजे तक चतुर्दशी तिथि रहेगी। इसके बाद अमावस्या तिथि आरंभ होगी। इसलिए महालक्ष्मी पूजन 24 अक्टूबर, सोमवार शाम 6 बजे बाद ही करना श्रेष्ठ रहेगा। 

25 अक्टूबर को कोई भी व्रत-उत्सव नहीं
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, दीपावली के दूसरे दिन यानी 25 अक्टूबर, मंगलवार को सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है। इस ग्रहण का सूतक काल सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगा। इसलिए इस दिन कोई व्रत-उत्सव नहीं मनाया जाएगा। चूंकि सूर्य ग्रहण सूर्यास्त के बाद समाप्त होगा, इसलिए सूतक काल 26 अक्टूबर को सूर्योदय तक माना जाएगा। 

26 को गोवर्धन पूजा और 27 को भाई दूज
ज्योतिषियों के अनुसार, चूंकि 25 अक्टूबर को सूतक काल और सूर्य ग्रहण का संयोग बन रहा है, इसलिए गोवर्धन पूजा और अन्नकूट पर्व, 26 अक्टूबर, बुधवार को मनाए जाएंगे और भाई दूज का पर्व इस बार 27 अक्टूबर, गुरुवार को मनाया जाएगा इस तरह दीपावली के पंच पर्व धनतेरस, रूप चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजन, गोवर्धन पूजा और भाई दूज 6 दिन में पूरे होंगे।


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