25 मई से 8 जून तक सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में होने से बढ़ेगा गर्मी का प्रकोप, वक्री शनि दिला सकता है थोड़ी राहत

भारतीय कालगणना में हर साल सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में आता है तब गर्मी बढ़ने लगती है। ज्योतिषाचार्य पं.गणेश प्रसाद मिश्र के अनुसार इस बार वैशाख महीने की शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि यानी 25 मई को सूर्य कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और 8 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा।

Asianet News Hindi | Published : May 25, 2021 4:12 AM IST / Updated: May 25 2021, 11:38 AM IST

उज्जैन. सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो जाएगा। यानी 9 दिनों तक तेज गर्मी रहेगी। इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं, लेकिन इस बार शनि वक्री होने से इसका प्रभाव कम रहेगा।

नौतपा की परंपराएं
- परंपरा के अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं, क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है।
- इन दिनों में पानी खूब पिया जाता है और जल दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न हो।
- इस तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाता है। इसके साथ ही नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी और भी चीजें खाई जाती हैं।

ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार नौतपा
- 25 मई को दोपहर करीब 1 बजकर 18 मिनट पर सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है तब नौतपा होता है।
- इस नक्षत्र में सूर्य करीब 15 दिनों तक रहेगा। लेकिन शुरुआती 9 दिनों में गर्मी बहुत बढ़ जाती है। इसलिए इन 9 दिनों के समय को ही नौतपा कहा जाता है।
- ये समय 25 मई से 2 जून तक रहेगा। रोहिणी के दौरान बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है।

शनि वक्री होने से तापमान रहेगा कम
- इस बार नौतपा के पहले 23 मई को शनि ग्रह अपनी मकर राशि में वक्री हो हो गया है। इसलिए वह गर्मी से राहत भी दिलाएगा।
- इसलिए देश के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और कुछ जगहों पर तेज हवा और आंधी-तूफान के साथ बारीश होने की संभावना ज्यादा है।
- इस साल संवत्सर के राजा मंगल है और रोहिणी का निवास समुद्र में है। इससे बारिश तो समय पर आ जाएगी लेकिन कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम बारिश हो सकती है।
- इस बार देश के रेगिस्तानी और पर्वतीय इलाकों में ज्यादा बारिश हो सकती है। बारिश के कारण अनाज और धान की पैदावार अच्छी रहेगी।
- धान्य, दूध व पेय पदार्थों में तेजी रहेगी। जौ, गेहूं, राई, सरसों, चना, बाजरा, मूंग की पैदावार आशानुकूल होगी।

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