Ashadha Gupt Navratri 2022: क्यों खास है आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि, इन 9 दिनों में कौन-से शुभ योग बनेंगे?

धर्म ग्रंथों के अनुसार, एक साल में चार नवरात्रि पर्व मनाए जाते हैं, इनमें से 2 प्रकट नवरात्रि होती है और 2 गुप्त। इनमें से एक गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri 2022) आषाढ़ मास में आती है जो शुक्ल प्रतिपदा से नवमी तिथि तक मनाई जाती है।

उज्जैन. इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 30 जून, गुरुवार से 8 जुलाई, शुक्रवार तक मनाई जाएगी। आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि बहुत ही खास होती है क्योंकि इसमें तंत्र-मंत्र के माध्यम से देवी आराधना की जाती है। इस नवरात्रि में 10 महाविद्याओं की पूजा करने की परंपरा है, जो सभी तरह की सिद्धियां अपने भक्तों को प्रदान करती हैं। इन 9 दिनों में प्रमुख तंत्र स्थलों जैसे कामाख्या, तारा देवी, उज्जैन के श्मशान आदि में तंत्र साधक आते हैं। इस बार गुप्त नवरात्रि में कई शुभ योग भी बन रहे हैं, जो खरीदी व अन्य शुभ कामों के लिए श्रेष्ठ हैं। आगे जानिए इस गुप्त नवरात्रि का महत्व और इसमें बनने वाले शुभ योगों के बारे में…

2 ऋतुओं का संधिकाल है नवरात्रि
आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि 2 ऋतुओं के संधिकाल में आती है। इस समय ग्रीष्म ऋतु समाप्त होकर वर्षा ऋतु का आरंभ होता है। आयुर्वेद में 2 ऋतुओं का संधिकाल को सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है। इसलिए नवरात्रि के दौरान तप के माध्यम से साधक स्वयं को इस योग्य बनाते हैं कि ऋतु परिवर्तन का प्रभाव उनके शरीर पर न पड़े। इन दिनों में जो लोग साधना और पूजा-पाठ नहीं करते वो भी मसालेदार और तली, भुनी चीजों से परहेज रखते हैं या कम ही खाते हैं। पुरातन समय में और भी कई नियम इस नवरात्रि के लिए बनाए गए थे, जिनका पालन करना वर्तमान समय में संभव नहीं है।

इन बातों का भी रखा जाता है ध्यान… (Gupt Navratri 2022 Rules)
1.
गुप्त नवरात्रि में पानी उबालकर पिया जाता है। अन्न नहीं खाया जाता। सिर्फ रसीले फल खाते हैं।
2. जो लोग इन दिनों में देवी साधना करते हैं, उनके लिए दिन में सोने की मनाही होती है। वे सिर्फ रात में ही सोते हैं। 
3. इन 9 दिनों में नीम, लौंग, दालचीनी और हल्दी का इस्तेमाल ज्यादा किया जाता है, जिससे शरीर की इम्युनिटी बढ़ती है। 
4. इन दिनों में टमाटर, अचार, दही और अन्य खट्टी चीजें भी नहीं खाई जाती। ऐसा करने से व्रत-उपवास के दौरान शारीरिक परेशानी नहीं होती।

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नवरात्रि में किस दिन कौन-सा शुभ योग बनेगा (Gupt Navratri 2022 Shubh Yog)
- 30 जून, गुरुवार को यानी नवरात्रि के पहले दिन सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है जो बहुत ही शुभ माना गया है। 
- 1 जुलाई, शुक्रवार को पूरे दिन पुष्य नक्षत्र रहेगा। इसे नक्षत्रों का राजा कहा जाता है। इस नक्षत्र में किए गए सभी कार्य शुभ फल प्रदान करते हैं। इसमें किसी भी तरह की खरीदी की जा सकती है।
- गुप्त नवरात्रि के दौरान 2, 4 और 8 जुलाई को रवियोग बन रहा है। ये खरीदी के लिए बहुत ही शुभ माना गया है।
- 5 जुलाई, मंगलवार को त्रिपुष्कर और रवियोग एक साथ बन रहा है। त्रिपुष्कर योग में किए गए शुभ कार्यों का फल 3 गुना होकर मिलता है।
- 6 जुलाई, बुधवार को सर्वार्थसिद्धि योग बनेगा। योग इस में किए गए सभी कामों में सफलता मिलती है।
- 7 जुलाई, गुरुवार को शिवयोग, बुधादित्य और गजकेसरी नाम के योग रहेंगे। इस दिन अष्टमी तिथि होने से इन योगों का विशेष महत्व रहेगा।
 

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