Happy Holi 2022 : 1755 के बाद होलिका दहन पर बना मंगल, शुक्र और शनि का दुर्लभ योग, आ सकती है प्राकृतिक आपदा

Published : Mar 17, 2022, 09:04 AM ISTUpdated : Mar 17, 2022, 03:15 PM IST
Happy Holi 2022 : 1755 के बाद होलिका दहन पर बना मंगल, शुक्र और शनि का दुर्लभ योग, आ सकती है प्राकृतिक आपदा

सार

धर्म ग्रंथों के अनुसार, फाल्गुन मास की पूर्णिमा (Falgun Purnima 2022) को होलिका दहन (Holika Dahan 2022) किया जाता है। इस बार ये 17 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा। इस बार भद्रा होलिका दहन पर भद्रा का योग भी बन रहा है। भद्रा रात में करीब 1.29 बजे तक रहेगी।

उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार भद्रा के बाद होलिका दहन करना शुभ रहता है। इस बार 267 साल बाद मंगल, शुक्र और शनि के दुर्लभ योग में होली मनाई जाएगी। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार अभी मकर राशि में मंगल, शुक्र और शनि का योग बना हुआ है। ऐसा योग 267 साल पहले 26 फरवरी 1755 को बना था। मंगल, शुक्र और शनि की मकर राशि में युति होने से युद्ध और प्राकृतिक आपदा के योग बन सकते हैं।

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इसलिए भी खास है होली की रात
ज्योतिष और तंत्र शास्त्र में होली की रात का विशेष महत्व बताया गया है। इस रात में की गई तंत्र साधना जल्दी सफल हो सकती है। इस बार मंगल, शुक्र, शनि की युति मकर राशि में है और मंगल की दृष्टि सूर्य पर है, इस वजह से ये रात तंत्र के लिए काफी अधिक खास रहेगी। जो लोग मंत्र साधना करना चाहते हैं, वे किसी विशेषज्ञ गुरु के मार्गदर्शन में रात के समय एकांत में स्थित शिव मंदिर में मंत्र जाप और साधना कर सकते हैं।

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होलिका पूजन और दहन के शुभ मुहूर्त
- शास्त्रों में भद्रा के दौरान होलिका दहन करने को लेकर मनाही है, लेकिन पूजा के संबंध में कुछ नहीं कहा गया, इसलिए शाम को परंपरानुसार होलिका की पूजा की जा सकती है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार 17 मार्च, गुरुवार की शाम 6 से 7.30 तक प्रदोष काल में होलिका पूजन करना श्रेष्ठ रहेगा।
- 17 मार्च को भद्रा का योग दोपहर तकरीबन 1.30 से रात 1 बजे तक रहेगा। इस कारण शाम में गोधूलि बेला के समय भद्रा का प्रभाव होने से होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा। भद्रा पूंछ में रात 09.20 से 10.31 के बीच होलिका दहन किया जा सकता है। इस समय दहन न कर पाएं तो रात 1 बजे बाद होलिका दहन करना शुभ रहेगा। 

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