Aaj Ka Panchang 21 जून 2022 का पंचांग: कालाष्टमी व्रत आज, दिन भर रहेंगे काण और सिद्धि योग

21 जून 2022, मंगलवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। 
 

उज्जैन. वर्तमान समय में कई तरह के पंचांग बाजार में आसानी से मिल जाते है, इनका आधार भी अलग-अलग ही होता है। वर्तमान में विक्रम संवंत से संबंधित पंचांग ही सबसे ज्यादा सटीक है। पंचांग में हर वो जरूर जानकारी आसानी से उपलब्ध हो जाती थी, जो आमजन के लिए जरूरी होती थी। इनमें से कुछ जानकारी आज भी पंचांगों में मिलती है, लेकिन आमजन उसका महत्व नहीं जानते। प्राचीन काल में पंचांग हमारे दैनिक जीवन का एक अंग हुआ करता था, क्योंकि उस समय बहुत से काम पंचांग देखकर ही किए जाते थे। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

आज है कालाष्टमी व्रत
आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी व्रत किया जाता है। इस बार ये तिथि 21 जून, मंगलवार को है। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा की जाती है। भगवान कालभैरव शिवजी के ही अवतार हैं। उज्जैन, काशी आदि स्थानों पर इनके प्रसिद्ध मंदिर भी हैं। कालाष्टमी पर इनकी विशेष पूजा और व्रत किया जाता है। इस दिन विधि-विधान से भगवान कालभैरव की पूजा करने से हर दुख दूर हो सकता है।

21 जून का पंचांग (Aaj Ka Panchang 21 June 2022)
21 जून 2022, दिन मंगलवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10 बजे तक रहेगा। इसके बाद उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। मंगलवार को पहले उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से काण नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से सिद्धि नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 03:50 PM से 05:30 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

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ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
मंगलवार  को चंद्रमा मीन राशि में, सूर्य मिथुन राशि में, बुध और शुक्र वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।

21 जून के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- मंगलवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- पूर्वा भाद्रपद और उत्तरा भाद्रपद
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 5:46 AM
सूर्यास्त - 7:11 PM
चन्द्रोदय - 12:30 AM
चन्द्रास्त - 12:37 PM 
अभिजीत मुहूर्त- 12:01 PM से 12:55 PM

21 जून का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 9:07 AM – 10:47 AM
कुलिक - 12:28 PM – 2:09 PM
दुर्मुहूर्त - 08:27 AM – 09:20 AM और 11:25 PM – 12:07 AM
वर्ज्यम् - 05:39 PM – 07:19 PM

आकाश मंडल का 25वां नक्षत्र है पूर्वा भाद्रपद
आकाश मंडल में पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र का स्थान पच्चीसवां है। इस नक्षत्र का स्वामी गुरु ग्रह है। आकाश में कुंभ राशि में 20 अंश से मीन राशि में 3 अंश 20 कला तक पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र रहता है। यह नक्षत्र दो तारों वाला होता है। यह एक सोफ़े के अगले पाये की तरह दिखायी देता है। इस नक्षत्र में जन्में लोग शांतिप्रिय व बुद्धिमान होते हैं। ये सादा जीवन जीना पसंद करते हैं। ये किसी भी स्थिति में उम्मीद नहीं छोड़ते और पूर्णत: आशावादी होते हैं। दूसरों की सहायता करने हेतु आप सदैव तत्पर रहते हैं।

 

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