Aaj Ka Panchang 30 सितंबर 2022 का पंचांग: आज करें स्कंदमाता की पूजा, जानें राहुकाल का समय

Aaj Ka Panchang: 30 सितंबर, शुक्रवार और अनुराधा नक्षत्र के योग से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा प्रीति योग भी इस दिन रहेगा। राहुकाल सुबह 10:48 से दोपहर 12:16 तक रहेगा।

Manish Meharele | / Updated: Sep 30 2022, 05:30 AM IST

उज्जैन. पंचांग एक हिन्दू कैलेंडर की तरह काम करता है। पंचांग या शाब्दिक अर्थ है पंच+अंग = पांच अंग यानि पंचांग। पंचांग तिथि, वार, नक्षत्र, योग और करण  से मिलकर बनाया जाता है। इसकी गणना के आधार पर हिंदू पंचांग की तीन धारायें हैं, पहली चंद्र आधारित, दूसरी नक्षत्र आधारित और तीसरी सूर्य आधारित कैलेंडर पद्धति। इसी के अनुसार दिन भर के शुभ मुहूर्त व अन्य बातों पर विचार किया जाता है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…

नवरात्रि के पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की पूजा
आज (29 सितंबर, गुरुवार) शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। इनका आसन कमल है, इसलिए इन देवी का एक नाम पद्मासना भी है। सिंह इनका वाहन है। इन देवी की एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है। 

30 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 30 september 2022)
30 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पूरे दिन रहेगी। ये शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन रहेगा। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। शुक्रवार को अनुराधा नक्षत्र दिन भर रहेगा। शुक्रवार और अनुराधा नक्षत्र के योग से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा प्रीति योग भी इस दिन रहेगा। राहुकाल सुबह 10:48 से दोपहर 12:16 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा वृश्चिक राशि में, सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

30 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष- शुक्ल
दिन- शुक्रवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- अनुराधा
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 6:21 AM
सूर्यास्त - 6:11 PM
चन्द्रोदय - Sep 30 10:22 AM
चन्द्रास्त - Sep 30 9:24 PM
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:40 

30 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:14 PM – 4:43 PM
कुलिक - 7:50 AM – 9:19 AM
दुर्मुहूर्त - 08:43 AM – 09:31 AM और 12:40 PM – 01:27 PM
वर्ज्यम् - 09:39 AM – 11:10 AM

क्या होता है दुर्मुहूर्त?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहुकाल की तरह ही दुर्मुहूर्त भी अशुभ समय होता है। शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निकालते समय इसका भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इसकी गणना ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दौरान कोई शुभ कार्य कर लिया जाए तो उसमें हमेशा असफलता ही मिलती है और इस काम को पूरा होने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
 

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