
उज्जैन. पंचांग के माध्मय से समय की सूक्ष्म से सूक्ष्म गणना भी की जा सकती है। उसके अनुसार, दिन और एक रात को आठ प्रहर में विभाजित किया है। दिन-रात मिलाकर 24 घंटे में आठ प्रहर होते हैं। औसतन एक प्रहर तीन घंटे या साढ़े सात घटी का होता है, जिसमें दो मुहूर्त होते हैं। एक प्रहर एक घटी 24 मिनट का होता है। इस प्रकार दिन के चार और रात के चार मिलाकर कुल आठ प्रहर होते हैं। पंचांग में इनके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। आगे जानिए आज के पंचांग से जुड़ी खास बातें…
आज करें भगवान वामन की पूजा
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को वामन द्वादशी कहते हैं। इस बार ये तिथि 7 सितंबर, बुधवार को है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन स्वरूप की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान वामन में दैत्यों के राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी थी और तीनों लोकों को अपने अधीन कर लिया था। इस दिन वामन भगवान की कथा सुनने का भी विशेष महत्व है।
7 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 7 september 2022)
7 सितंबर 2022, दिन बुधवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि दिन भर रहेगी। इस दिन वामन द्वादशी का व्रत किया जाएगा। बुधवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र शाम 4 बजे तक रहेगा। इसके बाद श्रवण नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से मुद्गर और उसके बाद श्रवण नक्षत्र होने से छत्र नाम के शुभ योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा शोभन और अतिगण्ड नम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 12:24 से 1:57 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
बुधवार को चंद्रमा मकर राशि में, शुक्र और सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।
7 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- शुक्ल
दिन- बुधवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- उत्तराषाढ़ा और श्रवण
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 6:14 AM
सूर्यास्त - 6:35 PM
चन्द्रोदय - Sep 07 4:38 PM
चन्द्रास्त - Sep 08 3:39 AM
अभिजीत मुहूर्त: इस दिन नहीं है
7 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 7:47 AM – 9:19 AM
कुलिक - 10:52 AM – 12:24 PM
दुर्मुहूर्त - 12:00 PM – 12:49 PM
वर्ज्यम् - 07:38 PM – 09:05 PM
षष्ठी तिथि के स्वामी हैं कार्तिकेय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें से छठी तिथि को षष्ठी कहते हैं। इस तिथि के स्वामी भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय हैं। जब रविवार या मंगलवार को षष्ठी तिथि होती है तो मृत्युदा योग बनता है। अगर षष्ठी तिथि शुक्रवार को हो तो सिद्धिदा योग बनता है। इसे नन्दा तिथि भी कहते हैं।
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