Ganapati Visarjan 2022: ये मंत्र बोलकर करें गणेश प्रतिमा का विसर्जन, आपकी हर परेशानी ले जाएंगे बाप्पा

Ganapati Visarjan 2022: भाद्रपद शुक्ल चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये तिथि 9 सितंबर, शुक्रवार को है। इस दिन गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ ही 10 दिवसीय गणेश उत्सव का भी समापन हो जाएगा।

Manish Meharele | Published : Sep 6, 2022 11:07 AM IST / Updated: Sep 09 2022, 08:40 AM IST

उज्जैन. इस बार 9 सितंबर, शुक्रवार को अनंत चतुर्दशी (Anant Chaturdashi 2022) पर गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाएगा। गणेश प्रतिमा विसर्जन (Ganesh Visarjan 2022) से पहले श्रीगणेश की विशेष पूजा की जाती है। इस दौरान शुभ मुहूर्त का भी विशेष ध्यान रखा जाता है। मान्यता है कि विसर्जन से पहले गणेश प्रतिमा की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। विसर्जन पूजा के समय एक खास मंत्र बोलना चाहिए। इससे श्रीगणेश प्रसन्न होते हैं। आगे जानिए ये पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व अन्य खास बातें…

गणेश विसर्जन 2022 शुभ मुहूर्त (Ganesh Visarjan 2022 Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि 8 सितंबर, गुरुवार की रात लगभग 9 बजे शुरू होगी, जो 9 सितंबर, शुक्रवार की शाम लगभग 6 बजे तक रहेगी। इस दिन धनिष्ठा और शतभिषा नक्षत्र होने से प्रजापित और सौम्य नाम के 2 शुभ योग दिन भर रहेंगे। साथ ही सुकर्मा और धृति नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। गणेश प्रतिमा विसर्जन के मुहूर्त इस प्रकार हैं-
सुबह 06.03 से 10.44 तक 
दोपहर 12.18 से 01.52 तक 
शाम 05.06 से 06.31 तक रहेगा। 

इस विधि से करें गणेश प्रतिमा का विसर्जन (Ganesh Visarjan Vidhi)
- अनंत चतुर्दशी पर गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने से पहले घर में स्थापित गणेश प्रतिमा का विधि पूर्वक पूजन करें। भगवान को अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। जनेऊ पहनाएं। वस्त्र या लाल धागा अर्पित करें, चावल चढ़ाएं। अन्य पूजन सामग्री अर्पित करें।
- इसके बाद ऊं गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए दूर्वा दल चढ़ाएं। लड्डुओं का भोग लगाएं। नीचे बतो गए भगवान श्रीगणेश के 10 नाम बोलें-
ऊँ गणाधिपतयै नम:
ऊँ उमापुत्राय नम:
ऊँ विघ्ननाशनाय नम:
ऊँ विनायकाय नम:
ऊँ ईशपुत्राय नम:
ऊँ सर्वसिद्धप्रदाय नम:
ऊँ एकदन्ताय नम:
ऊँ इभवक्त्राय नम:
ऊँ मूषकवाहनाय नम:
ऊँ कुमारगुरवे नम:
- इन मंत्रों का जाप करने के बाद भगवान श्रीगणेश की आरती उतारें और जाने-अनजाने में हुई गलतियों की क्षमा मांगते हुए श्रद्धापूर्वक प्रतिमा का विसर्जन करते हुए यह मंत्र बोलें-
यान्तु देवगणा: सर्वे पूजामादाय मामकीम्।
इष्टकामसमृद्धयर्थं पुनर्अपि पुनरागमनाय च॥
- इस प्रकार गणेश प्रतिमा का विसर्जन करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है।



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