पंचमहापुरुष योगों में से एक है भद्र योग, जानिए कब बनता है ये कुंडली में, क्या है इसके फायदे?

ज्योतिष शास्त्र में पंचमहापुरुष योग को बहुत ही शुभ माना गया है। कुंडली में पंच महापुरुष मंगल, बुध, गुरु, शुक्र और शनि होते हैं। इन 5 ग्रहों में से कोई भी मूल त्रिकोण या केंद्र में बैठे हैं तो श्रेष्ठ हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jun 17, 2021 3:54 AM IST / Updated: Jun 17 2021, 01:38 PM IST

उज्जैन. केंद्र को विष्णु का स्थान कहा गया है। महापुरुष योग तब सार्थक होते हैं जब ग्रह केंद्र में हों। 5 ग्रहों से संबंधित 5 महायोग के नाम इस तरह हैं- मंगल का रुचक योग, बुध का भद्र योग, गुरु का हंस योग, शुक्र का माल्वय योग और शनि का शश योग होता है। आज हम आपको बुध के भद्र योग के बारे में बता रहे हैं…

बुध का भद्र योग
यह योग बुध ग्रह से संबंधित है। यदि आपकी कुंडली में बुध लग्न से अथवा चन्द्रमा से केन्द्र के घरों में स्थित हैं अर्थात बुध यदि कुंडली में लग्न अथवा चन्द्रमा से 1, 4, 7 अथवा 10वें घर में मिथुन अथवा कन्या राशि में स्थित हैं तो आपकी कुंडली में भद्र योग है।

भद्र योग के फायदे
1.
भद्रक योग की कुंडली का व्यक्ति बुद्धि, चतुराई और वाणी का धनी होता है।
2. ऐसा व्यक्ति सफल वक्ता भी बन सकता है।
3. ऐसा व्यक्ति कार्य कौशल, लेखन, गणित, कारोबार और सलाहकर के क्षेत्र में सफल रहता है।
4. उसमें विशलेषण करने की गजब क्षमता रहती है।
5. उसकी तार्किक शक्ति भी अद्भुत रहती है।

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