हनुमानजी की पूजा कब नहीं करनी चाहिए, अगर आप भी हैं हनुमान भक्त तो ध्यान रखें ये बातें?

हिंदू धर्म में देवताओं की पूजा से जुड़े अनेक नियम बताए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि पूजा के दौरान इन नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए नहीं तो कुछ अशुभ हो सकता है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 5, 2020 5:53 AM IST

उज्जैन. हिंदू धर्म में देवताओं की पूजा से जुड़े अनेक नियम बताए गए हैं। ऐसी मान्यता है कि पूजा के दौरान इन नियमों का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए नहीं तो कुछ अशुभ हो सकता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, सबसे ज्यादा ध्यान हनुमानजी की पूजा करते समय रखना
चाहिए। आगे जानिए किन अवस्थाओं में हनुमानजी की पूजा नहीं करनी चाहिए-

अस्वच्छ कपड़ों में
कुछ लोग स्नान के तुरंत बाद ही टॉवेल लपेटकर या इनरवियर में हनुमानजी की पूजा कर लेते हैं। ये हनुमानजी की पूजा का गलत तरीका है। हनुमानजी की पूजा करते समय शुद्धता का पूरा ख्याल रखना चाहिए। गंदे कपड़ों में भी हनुमानजी की पूजा नहीं करनी चाहिए।

बिना स्नान किए
हनुमानजी सहित अन्य देवी-देवताओं की पूजा बिना स्नान किए नहीं करना चाहिए। धर्म ग्रंथों में भी सुबह स्नान करने के बाद ही देवताओं की पूजा करने का विधान है। बिना स्नान किए हनुमानजी की प्रतिमा को स्पर्श भी नहीं करना चाहिए।

खाने के बाद बिना पानी पिए
कुछ भी खाने के बाद पानी जरूर पीना चाहिए या कुल्ला करना चाहिए। इससे मुख की शुद्धि होती है। खाने के बाद झूठे मुंह हनुमानजी सहित किसी भी देवी-देवता की पूजा करना निषेध माना गया है। इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए।

सूतक के दौरान
परिवार में जब किसी की मृत्यु हो जाए तो उत्तर कार्य (13 दिन तक) होने तक हनुमानजी की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय को सूतक कहते हैं।

परिवार में संतान होने पर
परिवार में किसी के यहां संतान पैदा होने पर भी 10 दिन तक हनुमानजी व अन्य देवी-देवताओं की पूजा नहीं करनी चाहिए। इस समय के सुआ कहा जाता है।

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