59 साल बाद आज शनि-गुरु की युति में होगा आंशिक चंद्रग्रहण, भारत में सिर्फ यहां देगा दिखाई

आज 19 नवंबर, शुक्रवार को आंशिक चंद्रग्रहण होगा। भारतीय समय अनुसार ये ग्रहण दिन में होगा, इस वजह से भारत में दिखाई नहीं देगा। केवल अरुणाचल प्रदेश के कुछ पहाड़ी क्षेत्रों में 1 मिनट से भी कम समय के लिए हल्का सा ग्रहण दिखाई देगा। ये 580 साल में सबसे लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण है।

Contributor Asianet | Published : Nov 18, 2021 4:06 PM IST

उज्जैन. भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा और शाम 4.17 मिनट पर खत्म होगा। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक इस समय गुरु-शनि मकर राशि में स्थित है। इन दोनों ग्रहों की ऐसी स्थिति 59 साल पहले भी चंद्रग्रहण हुआ था। अरुणाचल प्रदेश के अतिरिक्त भारत में इस चंद्रग्रहण का सूतक नहीं रहेगा, इस ग्रहण की धार्मिक मान्यता नहीं रहेगी। जहां-जहां चंद्र ग्रहण दिखाई देता है, सिर्फ उन क्षेत्रों में ही सूतक जैसी धार्मिक मान्यताएं मान्य होती हैं।

59 साल बाद गुरु-शनि मकर राशि में और हो रहा है चंद्र ग्रहण
ज्योतिषाचार्य पं. शर्मा के अनुसार, अभी गुरु-शनि मकर राशि में स्थित हैं और आंशिक चंद्र ग्रहण हो रहा है। गुरु-शनि मकर राशि में और चंद्र ग्रहण का योग 2021 से 59 साल पहले 19 फरवरी 1962 को हुआ था। 19 नवंबर का ग्रहण वृषभ राशि में हो रहा है, चंद्र इसी राशि में रहेगा।

580 साल बाद इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण
पं. शर्मा के मुताबिक 2021 से पहले इतना लंबा आंशिक चंद्र ग्रहण 27 फरवरी 1440, को पूर्णिमा पर हुआ था। 19 नवंबर का आंशिक चंद्र ग्रहण पश्चिमी अफ्रिका, पश्चिमी यूरोप, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, एशिया, ऑस्ट्रेलिया और अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। ग्रहण का मोक्ष चंद्रोदय के समय ऑस्ट्रेलिया, इन्डोनेशिया, थाईलैंड, भारत के पूर्वोत्तर भाग, चीन और रूस में दिखाई देगा। भारतीय समयानुसार ग्रहण दोपहर 12.48 बजे से शुरू होगा, मध्य दोपहर 2.22 बजे और मोक्ष शाम 4.17 मिनट पर होगा।

इसे कहते हैं पेनुम्ब्रल चंद्रग्रहण
भोपाल की खगोलविद् सारिका घारू ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश के कुछ ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में शुक्रवार की शाम 4.17 बजे कुछ सेकंड्स के लिए आंशिक चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। इसके बाद पेनुम्ब्रल चंद्र ग्रहण शुरू होगा जो कि 5.33 मिनट तक रहेगा। पेनुम्ब्रल चंद्र ग्रहण में चंद्र के आगे धूल जैसी परत दिखाई देती है। इसका कोई ज्योतिषीय महत्व नहीं है, ना ही इसका कोई असर होता है।

चंद्रग्रहण क्यों होता है?
जब पृथ्वी परिक्रमा करते समय सूर्य और चंद्र के बीच आ जाती है, ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में आ जाते हैं, तब चंद्र ग्रहण होता है। इस स्थिति में सूर्य की रोशनी चंद्र तक पहुंच नहीं पाती है और चंद्र दिखाई नहीं देता है। जब पृथ्वी और सूर्य के बीच में चंद्र आ जाता है, तब सूर्य ग्रहण है।

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