ज्योतिष: जन्म कुंडली में शुभ ग्रह की स्थिति देखकर ही करवाएं घर पर रंग-रोगन

कई बार वास्तु व ग्रह अनुकूल होने पर भी मन अशांत, भ्रमित और व्याकुल हो जाता है। इसका कारण भवन का रंग भी हो सकता है। रंगों का अपना सिद्धांत होता है।

Asianet News Hindi | Published : Apr 27, 2020 9:02 AM IST

उज्जैन. कई बार वास्तु व ग्रह अनुकूल होने पर भी मन अशांत, भ्रमित और व्याकुल हो जाता है। इसका कारण भवन का रंग भी हो सकता है। रंगों का अपना सिद्धांत होता है। प्रकृति ने हमें अनेक रंग प्रदान किए हैं परंतु वे सभी अलग-अलग प्रभाव हमारे जीवन में डालते हैं। भवन का रंग-रोगन करवाने से पूर्व कुंडली के ग्रहों पर भी विचार अवश्य करना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अंतर्गत इस विषय में कुछ ध्यान रखने योग्य बातें हैं, जो इस प्रकार हैं-

1. वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में काले रंग का उपयोग (फर्श आदि में) नहीं करना चाहिए। काले रंग या पत्थर का अधिक उपयोग करने से राहु का प्रभाव जीवन में अधिक पड़ता है, जिससे समस्याएं हो सकती हैं।
2. यदि शुक्र उच्च व केंद्र या त्रिकोण में हो या मित्र क्षेत्री हो तो भवन की साज-सज्जा में पीले व सफेद रंग का प्रयोग शुभ है।
3. यदि गुरु अशुभ, शत्रु व निर्बल है तो पीले व सफेद रंग का प्रयोग परिवार में विरोध बढ़ाता है।
4. गुरु-शुक्र का संबंध होने पर भी पीले व सफेद रंग का अधिक प्रयोग आत्म-क्लेश की स्थिति बनाता है।
5. यदि भवन स्वामी की कुंडली में शुक्र उच्च हो तो सफेद रंग शुभकारक होता है और यदि शुक्र निर्बल हो तो भवन में सफेद रंग का उपयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए।
6. भवन में सफेद रंग का अधिक उपयोग करना भी ठीक नहीं है। ऐसा करने से गृहस्थ जीवन अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो जाएगा, जो भविष्य में विलासिता व भोग के कारण दु:ख का कारण बन सकता है।

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