जिन लोगों की जन्म कुंडली के होते हैं ये 10 योग, वो बनते हैं धनवान

किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली देखकर ये जाना जा सकता है कि उसके जीवन काल में धन की स्थिति कैसी रहेगी। यानी उसके पास धन होगा या नहीं। आज हम आपको कुछ ऐसे योगों के बारे में बता रहे हैं जो बताते हैं कि आपको किस प्रकार से धन लाभ होगा।

Asianet News Hindi | Published : Dec 29, 2020 4:32 AM IST

उज्जैन. किसी भी व्यक्ति की जन्म कुंडली देखकर ये जाना जा सकता है कि उसके जीवन काल में धन की स्थिति कैसी रहेगी। व्यक्ति अपने बल पर धन अर्जित करेगा या पैतृक रूप से धन प्राप्त करेगा। आज हम आपको कुछ ऐसे योगों के बारे में बता रहे हैं जो बताते हैं कि आपको किस प्रकार से धन लाभ होगा। जानिए ऐसे 10 योगों के बारे में… 

1. गुरु व चंद्र की केंद्रगत स्थिति के द्वारा गजकेसरी योग का निर्माण होता है। इस योग में चंद्र पर गुरु का शुभ प्रभाव होता है। यह योग हर प्रकार के धन को देने में सक्षम है।
2. एकादशेश पंचम भाव में, तथा पंचमेश एकादश भाव में स्थित हो और भाग्येश उसे देख रहा हो तो व्यक्ति धनवान होता है यदि इसके साथ किसी भी तरह से धनेश या धन भाव के साथ सम्बन्ध बन रहा हो तब अत्यंत श्रेष्ठ धनयोग बनता है।
3. धनेश तथा लाभेश दोनों एक साथ क्रेंद्र या त्रिकोण में स्थित हों और यदि भाग्येश द्वारा दृष्ट हों तो व्यक्ति अवश्य ही धनवान होता है।
4. कुंडली के त्रिकोण या केन्द्र भावों में गुरु, शुक्र, चन्द्रमा और बुध बैठे हों या फिर 3, 6 और ग्यारहवें भाव में सूर्य, राहु, शनि, मंगल आदि ग्रह बैठे हो तब व्यक्ति राहु, शनि, शुक्र या बुध की दशा में असीम धन प्राप्त करता है।
5. चंद्र मंगल योग आपकी कुंडली में केंद्र या त्रिकोण में बन रहा हो तथा धन कारक बृहस्पति से दृष्ट हो या युति हो तो व्यक्ति धनी होता है।
6. गुरु जब दसवें या ग्यारहवें भाव में और सूर्य व मंगल चौथे और पांचवें भाव में हों या ग्रह इसकी विपरीत स्थिति में हो तो व्यक्ति प्रशासनिक क्षमताओं के द्वारा धन अर्जित करता है।
7. नवमेश, दशमेश तथा पंचमेश का सम्बन्ध धनेश, लाभेश या इस भाव से सम्बन्ध किसी भी तरह से बन रहा हो तो व्यक्ति महाधनी होता है।
8. यदि भाग्येश शुक्र की धनेश तथा लाभेश बृहस्पति के साथ युति हो या बृहस्पति उसे देख रहा हो तो जातक प्रचुर धन का मालिक होता है, यह योग केवल कुम्भ लग्न या कुम्भ राशि के लिए ही होता है।
9. लाभेश, नवमेश तथा द्वितीयेश (धनेश) इनमें से कोई एक भी ग्रह लग्न अथवा केंद्र में स्थित हो और बृहस्पति द्वितीय, पंचम अथवा एकादश भाव का स्वामी होकर केंद्र में हो तो व्यक्ति धनी होता है।
10. बुध, शुक्र और शनि जिस भाव में एक साथ हों वह व्यक्ति को व्यापार में बहुत उन्नति कर धनवान बना देता है।

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