सार

जन्म कुंडली से किसी भी व्यक्ति के जीवन के बारे में काफी कुछ जाना जा सकता है। जीवन में मिलने वाले सुख और अच्छी-बुरी घटनाओं के बारे में भी जन्म कुंडली देखकर अनुमाना लगाया जा सकता है।

उज्जैन. अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में दुर्घटना के योग बनते हैं तो ज्योतिष के जानकार उसके बारे में भी पहले से भविष्यवाणी कर देते हैं। आगे जानिए कुंडली में कब बनते हैं दुर्घटना के योग और उससे बचने के उपाय…

ऐसे बनता है दुर्घटना योग

– अगर छठे भाव और आठवें भाव का स्वामी कुंडली में किसी अशुभ ग्रह के साथ बैठा हो तो दुर्घटना होने की संभावना बनती है।
– यदि लग्न या लग्नेश पर कोई मारक या अशुभ ग्रह गोचर करता है तो उस व्यक्ति के साथ दुर्घटना हो सकती है।
- मारक ग्रह की अंतरदशा के दौरान भी दुर्घटना की वजह से कष्ट झेलना पड़ता है।
- मंगल और शनि के एक ही भाव में होने से कुंडली में दुर्घटना योग का निर्माण होता है।
- लग्न भाव या कुंडली के दूसरे भाव में राहु और मंगल बैठे हों तो भी दुर्घटना योग बनता है।
- लग्न भाव में शनि या मंगल का होना भी अशुभ माना जाता है।


दुर्घटना से बचने के उपाय
 

1. जिस व्यक्ति की कुंडली में दुर्घटना योग हो उसे हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए। हनुमान मंदिर में रोज चमेली के तेल का दीपक जलाना चाहिए।
2. मंगल के कारण दुर्घटना योग बन रहा हो तो पक्षियों को लाल मसूर की दाल खिलाएं।
3. दुर्घटना से बचने के लिए अपने घर की छत पर लाल रंग का झंडा फहराएं। इसके अलावा एक नींबू पर सिंदूर लगाकर उसे चौराहे पर फेंक दें।
4. नारियल पर मौली बांधकर हनुमान जी को अर्पित करें और उनकी प्रतिमा के आगे लाल रंग के फूल चढ़ाएं।
5. अपने वाहन कोई शुभ चिह्न जैसे भगवान श्रीगणेश या हनुमान का चित्र लगाएं।

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