Ram Navami 2022: राम नवमी पर कैसे करें पूजा, क्या है शुभ मुहूर्त, इस दिन कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं?

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को श्रीराम नवमीन (Ram Navami 2022) का पर्व मनाया जाता है। इसी दिन चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का समापन भी होता है। इस बार ये तिथि 10 अप्रैल, रविवार को है। पुराणों के मुताबिक त्रेतायुग में इसी तिथि भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।

Manish Meharele | Published : Apr 8, 2022 9:53 AM IST

उज्जैन. चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन राम मंदिरों में साज-सज्जा की जाती है और विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। इस दिन  घरों में भी इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने की परंपरा है। ऐसा करने से घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है। शुभ फल पाने के लिए कुछ अन्य उपाय भी इस दिन किए जा सकते हैं। आगे जानिए भगवान श्रीराम की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, आरती व अन्य खास बातें…

ये भी पढ़ें- Kamada Ekadashi 2022: 12 अप्रैल को शुभ योग में करें कामदा एकादशी व्रत, ये है विधि, शुभ मुहूर्त व कथा

श्रीराम नवमी पूजा के शुभ मुहूर्त
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, चैत्र शुक्ल नवमी तिथि का आरंभ 9 अप्रैल, शनिवार की रात लगभग 1:32 मिनट से होगा, जो 10 अप्रैल, रविवार की रात 03:15 मिनट तक रहेगी। पूजा का शुभ मुहूर्त 10 अप्रैल की सुबह 11: 10 मिनट से दोपहर 01: 32 तक रहेगा।
 

ये भी पढ़ें- 40 दिन तक कुंभ राशि में रहेगा मंगल, इन 3 राशि वालों पर होगा निगेटिव असर, भूलकर भी न करें ये 4 काम
 

Latest Videos

श्रीराम नवमी पर बन रहे हैं 3 शुभ योग
ज्योतिषियों की मानें तो इस बर श्रीराम नवमी पर 1-2 नहीं बल्कि 3 शुभ योग एक साथ बन रहे हैं। इस दिन पुष्य नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। रविवार को पुष्य नक्षत्र का संयोग बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन खरीदी करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा रवि योग और सर्वार्थसिद्धि (Sarvarthasiddhi Yoga) नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन बन रहे हैं। इन तीनों शुभ योगों के चलते श्रीराम नवमी पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है। 
 

ये भी पढ़ें- Chaitra Navratri 2022: कब है महा अष्टमी, कब से कब तक रहेगी ये तिथि? रात में ये उपाय करने से मिलेंगे शुभ फल

ऐसे करें भगवान श्रीराम की पूजा
- धर्म ग्रंथों के अनुसार चैत्र शुक्ल नवमी तिथि पर सुबह स्नान आदि करने के बाद घर की उत्तर दिशा में एक साफ स्थान चुनें और उसे गंगाजल से शुद्ध कर उसके ऊपर भगवान श्रीराम व माता सीता की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें। इसके बाद देव प्रतिमाओं को तिलक करें, हार-फूल चढ़ाएं।

- देव प्रतिमाओं के सामने शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद कुमकुम, अबीर, गुलाल आदि चीजें चढ़ाएं। देव प्रतिमाओं पर इत्र लगाएं। गाय के दूध से बनी खीर का भोग लगाएं या अपनी इच्छा अनुसार किसी अन्य मिठाई या फल का भोग भी लगा सकते हैं। इस प्रकार पूजा करने के बाद मंत्र बोलें-
मंगलार्थ महीपाल नीराजनमिदं हरे।
संगृहाण जगन्नाथ रामचंद्र नमोस्तु ते।।
ऊँ परिकरसहिताय श्रीसीतारामचंद्राय कर्पूरारार्तिक्यं समर्पयामि।

- इसके बाद किसी बर्तन में कपूर तथा घी की बत्ती (एक या पांच अथवा ग्यारह) जलाकर भगवान श्रीसीताराम की आरती करें-

आरती कीजे श्रीरामलला की । पूण निपुण धनुवेद कला की ।।
धनुष वान कर सोहत नीके । शोभा कोटि मदन मद फीके ।।
सुभग सिंहासन आप बिराजैं । वाम भाग वैदेही राजैं ।।
कर जोरे रिपुहन हनुमाना । भरत लखन सेवत बिधि नाना ।।
शिव अज नारद गुन गन गावैं । निगम नेति कह पार न पावैं ।।
नाम प्रभाव सकल जग जानैं । शेष महेश गनेस बखानैं
भगत कामतरु पूरणकामा । दया क्षमा करुना गुन धामा ।।
सुग्रीवहुँ को कपिपति कीन्हा । राज विभीषन को प्रभु दीन्हा ।।
खेल खेल महु सिंधु बधाये । लोक सकल अनुपम यश छाये ।।
दुर्गम गढ़ लंका पति मारे । सुर नर मुनि सबके भय टारे ।।
देवन थापि सुजस विस्तारे । कोटिक दीन मलीन उधारे ।।
कपि केवट खग निसचर केरे । करि करुना दुःख दोष निवेरे ।।
देत सदा दासन्ह को माना । जगतपूज भे कपि हनुमाना ।।
आरत दीन सदा सत्कारे । तिहुपुर होत राम जयकारे ।।
कौसल्यादि सकल महतारी । दशरथ आदि भगत प्रभु झारी ।।
सुर नर मुनि प्रभु गुन गन गाई । आरति करत बहुत सुख पाई ।।
धूप दीप चन्दन नैवेदा । मन दृढ़ करि नहि कवनव भेदा ।।
राम लला की आरती गावै । राम कृपा अभिमत फल पावै ।।

- इसके बाद फूल भगवान को चढ़ा दें और यह श्लोक बोलते हुए प्रदक्षिणा (अपने स्थान पर खड़े होकर घुम जाएं) करें-
यानि कानि च पापानि ब्रह्महत्यादिकानि च।
तानि तानि प्रणशयन्ति प्रदक्षिण पदे पदे।।
इस प्रकार भगवान श्रीराम की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं।

ये भी पढ़ें- 

Mangal Gochar 2022: उज्जैन में है मंगल देवता का प्राचीन मंदिर, पूरे भारत में सिर्फ यहां होती है ये ‘खास’ पूजा


Chaitra Navratri Ke Upay: 9-10 अप्रैल को करें तंत्र-मंत्र के ये उपाय, देवी मां दूर करेगी आपकी हर परेशानी

Chaitra Navratri 2022: 10 अप्रैल से पहले करें राशि अनुसार ये आसान उपाय, खुल सकते हैं किस्मत के दरवाज

Chaitra Navratri 2022: चैत्र नवरात्रि के दौरान भूलकर भी न करें ये 4 काम, हो सकता है कुछ अशुभ

2 अप्रैल से शुरू होगा विक्रम संवत् 2079, कौन हैं इस वर्ष का राजा और मंत्री, किस ग्रह को मिला है कौन-सा पद?
 

Share this article
click me!

Latest Videos

हजारों समर्थकों के सामने ईरानी नेता खामेनेई ने खाई कसम, कहा- अब इजरायल खत्म
Haryana Exit Poll : हरियाणा में होगी BJP की विदाई? पिछड़ने के क्या हैं 5 प्रमुख कारण
जवानों का सबसे खतरनाक एक्शन, एक झटके में 28 नक्सली ढेर, जानें मुख्यमंत्री ने क्या कहा
हरियाणा चुनाव के10 अमीर प्रत्याशीः बिजनेसमैन सावित्री जिंदल से धनवान है यह कैंडीडेट
10 साल की बच्ची का किडनैप के बाद रेप-मर्डर, फिर दहल उठा ममता बनर्जी का पश्चिम बंगाल