Ram Navami 2022 Subh Muhurat: 3 शुभ योगों में मनाया जाएगा राम नवमी पर्व, इस दिन बन रहा है खरीदी का महामुहूर्त

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2022) का समापन होता है। इसी दिन भगवान श्रीराम नवमी (Ram Navami 2022) का पर्व भी मनाया जाता है। मान्यता है कि त्रेतायुग में इसी तिथि पर भगवान विष्णु ने अयोध्या के राजा दशरथ के पुत्र श्रीराम के रूप मे अवतार लिया था। इस बार ये उत्सव 10 अप्रैल, रविवार को है।
 

Manish Meharele | Published : Apr 7, 2022 5:09 AM IST / Updated: Apr 08 2022, 05:44 PM IST

उज्जैन. श्रीराम नवमी पर्व पूरे देश में बड़े ही धूम-धाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। प्रमुख राम मंदिरों मे रोशनी की जाती है और विशेष आयोजन भी किए जाते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार श्रीराम नवमी उत्सव पर पुष्य नक्षत्र का संयोग दिन भर रहेगा, साथ ही रवि योग (Ravi Yoga) और सर्वार्थसिद्धि (Sarvarthasiddhi Yoga) नाम के 2 अन्य शुभ योग भी इस दिन बन रहे हैं। रवि और पुष्य नक्षत्र के संयोग से रवि पुष्य (Ravi Pushya 2022) का दुर्लभ योग इस दिन बन रहा है। रवि पुष्य को खरीदी का महामुहूर्त भी कहा जाता है।

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कब बनता है रवि पुष्य का शुभ योग?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण द्विवेदी के अनुसार, पुष्य नक्षत्र को ज्योतिष शास्त्र में सबसे शुभ नक्षत्र माना गया है। ये नक्षत्र जिस दिन होता है, उसी के साथ मिलकर शुभ योग बना लेता है, जैसे इस बार ये नक्षत्र 10 अप्रैल, रविवार को पूरे दिन रहेगा, जिससे रवि-पुष्य नाम का शुभ योग पूरे दिन रहेगा। रवि पुष्य का महायोग भी कहा जाता है। इस योग में की गई पूजा, उपाय, खरीदी, हवन आदि कई गुना फल देते हैं। इस शुभ योग में वाहन, भूमि, भवन आदि खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है।

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सर्वार्थसिद्धि और रवि योग भी है इस दिन
ज्योतिषियों के अनुसार, 10 अप्रैल,रविवार को पुष्य नक्षत्र के साथ ही सर्वार्थसिद्धि और रवि योग नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। एक ही दिन में 3 शुभ योग होन के चलते इस बार श्रीराम नवमी का पर्व और भी खास हो गया है। ज्योतिषीय परिभाषा के अनुसार सूर्य जिस नक्षत्र पर हो, उस नक्षत्र से वर्तमान चंद्र नक्षत्र चौथा, छठा, नवां, दसवां, तेरहवां और बीसवां हो तो रवियोग बनता है। ऐसा ही योग इस बार बन रहा है।

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क्या काम करते हैं इन शुभ योगों में?
1.
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार रवि योग, सर्वार्थसिद्धि और पुष्य नक्षत्र ये तीनों ही बहुत शुभ योग होते हैं। चैत्र नवरात्रि के अंतिम दिन इतने सारे शुभ योग बनने से इस दिन देवी आराधना करना सर्वोत्तम रहेगा।
2. भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के अवसर पर हवन व अन्य धार्मिक कार्य करना भी इस दिन शुभ रहेगा, जिससे घर-परिवार में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहेगी। परिवार के लोगों में प्रेम बना रहेगा।
3. पुष्य नक्षत्र में वाहन, भूमि, भवन, आभूषण खरीदने से इनसे लाभ की स्थिति बनती है। इस नक्षत्र में जो कार्य प्रारंभ किया जाता है, उसमें उत्तरोत्तर प्रगति होती है। इस शुभ योग में नई दुकान, प्रतिष्ठान का शुभारंभ करना शुभ रहेगा।

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