हिंदू पंचांग के हर महीने के मध्य में अमावस्या तिथि आती है। इस तिथि का विशेष महत्व धर्म ग्रंथों में बताया गया है। जब ये तिथि शनिवार को आती है तो शनिश्चरी अमावस्या (Shanishchari Amavasya 2022) का योग बनता है।
उज्जैन. इस बार शनिश्चरी अमावस्या का योग 30 अप्रैल को बन रहा है। इसके साथ ही इस दिन सूर्यग्रहण (Solar Eclipse 2022) भी है। ऐसा योग बनना दुर्लभ घटना है। जयपुर स्थित श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी के अनुसार, 30 अप्रैल को होने वाला ये सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इससे संबंधित कोई भी नियम जैसे सूतक आदि मान्य नहीं होगा। इस बार वैशाख माह की अमावस्या तिथि 29 अप्रैल को देर रात 12.57 मिनट से प्रारंभ हो रही है और यह तिथि 30 अप्रैल की रात 01.57 मिनट पर समाप्त होगी।
शनि अमावस्या, सूर्यग्रहण और त्रिग्रही युति का संयोग
डॉ. तिवारी के अनुसार, ग्रहण की शुरूआत 30 अप्रैल, शनिवार की मध्य रात्रि को 12.15 से होगी और समापन सुबह 04.07 होगा। ये ग्रहण दक्षिणी/पश्चिमी अमेरिका, पेसिफिक अटलांटिक और अंटार्कटिका आदि देशों में दिखाई देगा। इस बार शनि अमावस्या और सूर्यग्रहण के साथ-साथ मेष राशि में त्रिग्रही संयोग भी बन रहा है। ये अत्यंत दुर्लभ घटना है। इस दिन मेष में सूर्य, चंद्रमा और राहु मेष राशि में रहेंगे, जिनसे त्रिग्रही योग बनेगा।
ये उपाय दिलाएंगे आपको शनि कृपा
1. शनि अमावस्या पर शनि मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा-आराधना करें। शनिदेव को काला तिल, सरसो का तेल, नीले रंग का फूल जरूर चढ़ाएं। शनि चालीसा का पाठ करने से और भी जल्दी शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
2. जिन लोगों पर शनिदोष, शनि की साढ़ेसाती या ढय्या का प्रभाव है उन्हें शनि से जुड़े मंत्रों का जाप करना चाहिए। शनि मंत्रों का जाप रुद्राक्ष की माला या नीलम रत्न की माला से करना चाहिए।
3. शनि अमावस्या पर गरीबों को भोजन कराने और असहाय लोगों की मदद करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। इस दिन कुष्ठ रोगियों को तेल में पका भोजन जैसे पुरी-भजिए आदि दान करना चाहिए।
4. इस दिन पितृ तर्पण, पितृ कर्मकांड, नदी-सरोवर स्नान तथा अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करना बेहद शुभ एवं पुण्य फलदायी माना जाता है। इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
5. शनि अमावस्या पर सामूहिक रूप से घर के सभी सदस्यों को बैठकर सरसो के तेल का दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
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