Chaitra Navratri 2022 Ashtami Date: कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि, जानिए इस तिथि का महत्व

आज (9 अप्रैल, शनिवार) चैत्र मास (Chaitra Navratri 2022) के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि (Ashtami Date) है। धर्म ग्रथों में इस तिथि को बहुत ही विशेष व महत्वपूर्ण बताया गया है। इस महत्व को देखते हुए ही इस तिथि को महाष्टमी भी कहा जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के महागौरी (Goddess Mahagauri) स्वरूप की पूजा की जाती है।

Manish Meharele | Published : Apr 9, 2022 3:40 AM IST

उज्जैन. चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि पर कन्या पूजा व हवन आदि भी किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि ये काम करने से देवी प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर कृपा बनाए रखती हैं। इस दिन देवी मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं। कुछ स्थानों पर नगर पूजा भी अष्टमी तिथि पर की जाती है। मान्यता है कि नगर पूजा करने से पूरे शहर में किसी तरह का कोई संकट नहीं आता। मार्कंडेय पुराण में भी अष्टमी तिथि पर देवी पूजा का महत्व बताया गया है। आगे जानिए इस बार कब से कब तक रहेगी अष्टमी तिथि…

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शनिवार को पूरे दिन रहेगी अष्टमी तिथि
हिंदू पंचांग के अनुसार अष्टमी तिथि 8 अप्रैल, शुक्रवार की रात करीब 11.10 से शुरू हो चुकी है, जो 9 अप्रैल, शनिवार को पूरे दिन रहेगी और रात लगभग 01:30 पर इस तिथि का समापन होगा। विद्वानों का मानना है कि 9 अप्रैल को पूरे दिन देवी की पूजा, कन्या भोज आदि शुभ काम किए जा सकते हैं। रात्रि पूजा रात 12 बजे बाद की जा सकेगी।

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क्यों खास है नवरात्रि की अष्टमी तिथि?
- देवी पुराण के अनुसार, अष्टमी तिथि पर पूजा आदि उपाय करने से हर तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है, कोई ऐसी मनोकामना नहीं है जो इस तिथि पर पूजा करने से पूरी नहीं हो सकती। 
- अनेक देवी ग्रंथों में इस तिथि को बहुत ही कल्याणकारी और हर तरह के सुख देने वाली बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र की बात की जाए तो अष्टमी तिथि को व्याधि नाशक यानी रोग दूर करने वाली बताया गया है। 
- धर्म ग्रंथों के अनुसार अष्टमी तिथि के स्वामी कोई और नहीं बल्कि स्वयं भगवान शिव हैं। इस तिथि को जया भी कहा जाता है। यानी इस दिन किए गए काम में जय यानी सफलता अवश्य मिलती है। 
- ज्योतिषियों के अनुसार, मां दुर्गा का पूजन अष्टमी तिथि पर करने से हर तरह के दुःख मिट जाते हैं। यह तिथि कल्याणकारी, पवित्र, सभी प्रकार के सुख देने वाली और धर्म की वृद्धि करने वाली है।


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