Ganga Dussehra 2022: 10 दिनों तक मनाया जाता है गंगा दशहरा पर्व, घर की सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय

Published : May 31, 2022, 12:12 PM IST
Ganga Dussehra 2022: 10 दिनों तक मनाया जाता है गंगा दशहरा पर्व, घर की सुख-समृद्धि के लिए करें ये उपाय

सार

धर्म ग्रंथों के अनुसार, ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशमी या गंगा दशहरा (Ganga Dussehra 2022) का पर्व मनाया जाता है। इस बार ये पर्व 9 जून, गुरुवार को है।

उज्जैन. इसके पहले गंगा नदी के तट पर दस दिवसीय गंगा दशहरा पर्व मनाया जाता है। इसकी शुरूआत आज 31 मई से हो रही है। ये पर्व मुख्य रूप से गंगा सागर में मनाया जाता है। इन 10 दिनों में रोज हजारों श्रृद्धालु गंगा नदी में डुबकी लगाकर पूजा-पाठ आदि करते हैं और जरूरतमंदों को दान कर पुण्य लाभ कमाते हैं। मान्यता है कि ज्येष्ठ शुक्ल दशमी तिथि को ही देवनदी गंगा धरती पर आई थी। इसीलिए इस तिथि पर गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। आगे जानिए इन 10 दिनों पर घर बैठे करें गंगा स्नान का फल प्राप्त कर सकते हैं…

9 जून तक रोज इस विधि से करें स्नान
- गंगा दशहरा पर्व के 10 दिनों में रोज गंगा स्नान का महत्व है, लेकिन ऐसा संभव न हो तो आस-पास के किसी नदी-तालाब में भी स्नान कर कर सकते हैं। ऐसा भी न कर पाएं तो रोज सुबह स्नान करने के पहले पानी में गंगा जल की कुछ बूंदे डालकर नीचे लिखा मंत्र बोलकर स्नान करें। ये मंत्र इस प्रकार है-
गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति। 
नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु।। 
- नहाते समय इस मंत्र का जाप करने से व्यक्ति को पवित्र नदी में नहाने का पुण्य मिलता है और पापों से मुक्ति मिलती है। स्नान के दौरान ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप भी मन ही मन करते रहें। इस स्नान का फल गंगा स्नान के समान बताया गया है। 
- स्नान का यह तरीका तन के साथ मन को भी पवित्र और पॉजिटिव ऊर्जा से भर देता है। स्नान करने के बाद भगवान की पूजा करें और जरूरतमंदों को अपनी इच्छा के अनुसार दान दें। गंगा दशहरा के 10 दिवसीय पर्व के दौरान इस ये काम करने से आपके घर में सुख-समृद्धि बनी रहेगी।
 
इसलिए गंगा अवतरण को कहते हैं गंगा दशहरा
धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन गंगा नदी पृथ्वी पर आई थी, उस दिन दस शुभ योग थे, जिनसे मनुष्य के दस पापों का नाश होता है इसलिए इस दिन को दशहरा कहा जाता है। ये 10 शुभ योग इस प्रकार हैं- ज्येष्ठ मास, शुक्ल पक्ष, दशमी तिथि, बुधवार, हस्त नक्षत्र, गर करण, आनंद योग, व्यतिपात योग, कन्या का चंद्र और वृषभ राशि का सूर्य।

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