गुरु अस्त होने पर क्यों नहीं किए जाते विवाह आदि शुभ कार्य? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक पक्ष

ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य के दोनों और लगभग 11 डिग्री पर बृहस्पति स्थित होने से अस्त माने जाते हैं। चूंकि देवगरू बृहस्पति धर्म और मांगलिक कार्यों का कारक ग्रह है। इसलिए गुरू तारा अस्त होने पर मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं।

उज्जैन. इस बार 17 दिसंबर से 10 जनवरी तक गुरु तारा अस्त रहेगा। इसलिए लगभग इन 25 दिनों तक विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों के लिए मुहूर्त नहीं होंगे।

सूर्य और गुरु का एक दूसरे की राशि में प्रवेश
वैदिक ज्योतिष में गुरु को समस्त शुभ कार्यों का प्रतिनिधि ग्रह माना गया है। सूर्य जब गुरु की राशि धनु और मीन में प्रवेश करता है तो इससे गुरु निस्तेज हो जाते हैं, उनका प्रभाव समाप्त हो जाता है। शुभ कार्यों के लिए गुरु का पूर्ण बलशाली अवस्था में होना आवश्यक है। इसलिए इस एक माह के दौरान शुभ कार्य करना वर्जित रहता है। खासकर विवाह तो बिल्कुल नहीं किए जाते हैं क्योंकि विवाह के लिए सूर्य और गुरु दोनों ग्रहों की स्थिति मजबूत होनी चाहिए। इसके साथ ही लगभग 12 साल में एक बार जब बृहस्पति सूर्य की राशि सिंह में आते हैं तो भी ज्योतिषियों के अनुसार मांगलिक नहीं करने चाहिए।

Latest Videos

सूर्य के राशि परिवर्तन से होगा गुरु तारा अस्त
16 दिसंबर सोमवार को दोपहर लगभग 3 से शाम 5 बजे के बीच सूर्य ने देवगुरू बृहस्पति की राशि धनु में प्रवेश कर लिया है। इस राशि में पहले से ही बृहस्पति स्थित है। सूर्य के राशि बदलने के अगले ही दिन यानी 17 दिसंबर को बृहस्पति अस्त हो चुके हैं, जो कि अगले महीने जनवरी तक अस्त ही रहेंगे।

ये है वैज्ञानिक पक्ष
सूर्य की तरह गुरु ग्रह में भी हाइड्रोजन और हीलियम की उपस्थिति है। सूर्य की तरह इसका केंद्र भी द्रव्य से भरा हुआ है, जिसमें अधिकतर हाइड्रोजन ही है। पृथ्वी से 15 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित सूर्य तथा 64 करोड़ किलोमीटर दूर स्थित बृहस्पति ग्रह में वर्ष में एक बार ऐसे जमाव में आते हैं जिनकी वजह से बृहस्पति के कण काफी मात्रा में पृथ्वी के वायुमंडल में पहुंचते हैं। ये कण एक-दूसरे की कक्षा में आकर अपनी किरणों को आंदोलित करते हैं। उक्त कारण से व्यक्ति की मानसिक स्थिति में भी परिवर्तन आता है, जिससे मांगलिक कार्यों में व्यवधान संभावित है। इसी कारण से मंगल कार्य करना निषेध है।
 

Share this article
click me!

Latest Videos

झांसी में चीत्कारः हॉस्पिटल में 10 बच्चों की मौत की वजह माचिस की एक तीली
पहली बार सामने आया SDM थप्पड़ कांड का सच, जानें उस दोपहर क्या हुआ था । Naresh Meena । Deoli-Uniara
समाजवादी पार्टी का एक ही सिद्धांत है...सबका साथ और सैफई परिवार का विकास #Shorts
क्या है Arvind Kejriwal का मूड? कांग्रेस के खिलाफ फिर कर दिया एक खेल । Rahul Gandhi
झांसी ने देश को झकझोरा: अस्पताल में भीषण आग, जिंदा जल गए 10 मासूम