
Kanji Recipes for gut Health: सर्दियों में अक्सर ठंड के कारण कब्ज, गैस, ब्लोटिंग और पाचन की सुस्ती बढ़ जाती है। ऐसे मौसम में शरीर को सिर्फ गर्माहट ही नहीं, बल्कि सही गट बैक्टीरिया की भी जरूरत होती है, जिससे पाचन सुधरे और एनर्जी लेवल बना रहे। उत्तर भारतीय रसोई में सदियों से बनाई जाने वाली कांजी एक ऐसी ही प्रोबायोटिक ड्रिंक है, जो पेट को हल्का रखती है, टॉक्सिन्स निकालती है और इम्यूनिटी बूस्ट करती है। सिर्फ काली गाजर की नहीं, कांजी कई तरह से बनती है, यहां सर्दियों के लिए 5 सबसे हेल्दी और आसान रेसिपी दी गई हैं।
काली गाजर, राई पाउडर और हल्के नमक से बनी यह क्लासिक कांजी 2-3 दिन के फरमेंटेशन के बाद तैयार होती है। यह गट-फ्रेंडली बैक्टीरिया से भरपूर होती है और कब्ज से तुरंत आराम देती है।
काली गाजर न मिले तो चुकंदर सबसे अच्छा ऑप्शन है। इसका हल्का मीठा-खट्टा स्वाद शरीर को डिटॉक्स करता है। इसमें आयरन और फाइबर दोनों मिलते हैं, जो ब्लोटिंग और कमजोरी में राहत देते हैं।
गाजर और शलजम का कॉम्बिनेशन पाचन के लिए बूस्टर है। इसमें हल्की खटास आती है और यह खाना पचाने के एंजाइम्स को एक्टिव करती है। हैवी खाने के बाद इसे पीना बेहद फायदेमंद है।
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ठंड के मौसम में अदरक वाली कांजी शरीर को गर्म रखती है। अदरक का एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण और राई का प्रोबायोटिक फरमेंटेशन गट लाइनिंग को शांत करता है और इम्युनिटी बढ़ाता है।
हल्दी के एंटी-बैक्टीरियल गुण और राई की खट्टास मिलकर इसे एक शक्तिशाली डाइजेस्टिव ड्रिंक बनाते हैं। हल्की सर्दी-खांसी में भी यह पेट को बैलेंस रखती है और भूख न लगने की दिक्कत को दूर करती है।
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