
Aluminium Cookware Replacement Guide: आमतौर पर किसी भी किचन में स्टील और एल्युमिनियम के बर्तन ज्यादा देखने को मिलते हैं। दूसरे बर्तनों के मुकाबले ये सस्ते होते हैं, इसलिए ज्यादातर लोग इन्हें खरीदते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि एक ही बर्तन को बरसों तक इस्तेमाल करना सही नहीं। इन बर्तनों की भी एक्सपायरी डेट होती है। तो आइए जानते हैं कि एल्युमिनियम के बर्तनों को कितने दिन इस्तेमाल करना चाहिए और कब बदलना चाहिए।
हाल ही में, ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) के एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम में रेगुलेटरी बॉडीज और मैन्युफैक्चरर्स ने बताया कि एल्युमिनियम के बर्तनों की एक्सपायरी डेट जल्दी आ जाती है। उनके इस्तेमाल और क्वालिटी के हिसाब से, इन्हें हर 12 से 24 महीने में बदल देना चाहिए। BIS के नए स्टैंडर्ड्स के मुताबिक, कुकवेयर में लेड, कैडमियम, मर्करी और हेक्सावेलेंट क्रोमियम जैसे टॉक्सिक मेटल्स 0.05% से कम होने चाहिए।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, दो साल से ज्यादा पुराने बर्तनों में खाना बनाने से सेहत को नुकसान हो सकता है। "एल्युमिनियम एक मुलायम धातु है। ज्यादा तापमान पर लंबे समय तक इस्तेमाल करने पर भारी बर्तन भी जल्दी खराब हो जाते हैं।
एक्सपर्ट की मानें तो आमतौर पर हल्के एल्युमिनियम के बर्तन एक साल तक ही चलते हैं। मीडियम और हैवी बर्तन दो साल तक चल सकते हैं। आजकल अधिकतर लोग एल्युमिनियम के बर्तनों को जिंदगी भर इस्तेमाल करना चाहते हैं। ऐसा करना सेहत के साथ खिलवाड़ करना है। इन्हें 12 से 20 महीने तक ही इस्तेमाल करें।
सेहत के लिए नुकसानदेह
कुछ एल्युमिनियम कुकवेयर मैन्युफैक्चरर्स क्वालिटी से समझौता करते हैं। बर्तन बनने के एक साल बाद ही इनकी कोटिंग उतरने लगती है। ये सेहत के लिए बहुत नुकसानदेह है. इसलिए, ग्राहकों को ऐसे बर्तनों को पहचान कर जल्दी बदल देना चाहिए। BIS के मुताबिक प्योर एल्युमिनियम 'ग्रेड 19000' होता है। इसमें 99% एल्युमिनियम होता है। '63540' या '60342' जैसे दूसरे ग्रेड एलॉय होते हैं। ये मज़बूत होते हैं, लेकिन इनमें दूसरे एलिमेंट्स भी मिले होते हैं।
हर कोई अच्छा खाना खाकर स्वस्थ रहना चाहता हैष लेकिन, लगता है कि हमारे रोजमर्रा के कुकवेयर से हमारी सेहत को नुकसान हो सकता है। इसलिए, अच्छी क्वालिटी के बर्तन चुनना जरूरी है।