
5 Mistakes That Ruin Soft and Spongy Rasgulla: रसगुल्ला भारतीय मिठाइयों में सबसे पसंदीदा और आसानी से बनने वाली मिठाई है। ये खाने में जितना नरम और रसदार होना चाहिए, बनाने में उतना ही पेसेंस और टैकनिक चाहिए। कई बार लोग घर पर रसगुल्ले बनाते हैं, लेकिन या तो वे सख्त हो जाते हैं, या बीच से कच्चे रह जाते हैं, या फिर उनका शेप बिगड़कर चाशनी में ही टूट जाते हैं। ऐसे में सारी मेहनत बेकार चली जाती है। अगर आप भी घर पर सॉफ्ट और जूसी रसगुल्ले बनाना चाहते हैं, तो आपको कुछ बेसिक गलतियों से बचना चाहिए। आइए जानते हैं रसगुल्ला बनाते वक्त हमें किन गलतियों से बचना है और किन बातों का ध्यान रखते हुए रसगुल्ला बनाना चाहिए।
रसगुल्ला बनाने की पहली और सबसे बड़ी शर्त है सही दूध उपयोग। अक्सर लोग टोंड या बहुत हैवी फैट वाले दूध का इस्तेमाल कर लेते हैं, जिससे छेना सॉफ्ट नहीं बनता और रसगुल्ला रबर जैसा हो जाता है, ये खाने में बिल्कुल अच्छा नहीं लगता। इसके लिए हमेशा फुल क्रीम गाय का दूध लें और इसे सही तरह से फाड़ें। सिरका या नींबू डालते वक्त ध्यान रखें कि दूध सिर्फ हल्का फटे, पूरी तरह दही जैसा न बन जाए और न ही ज्यादा खट्टा हो।
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रसगुल्ला बनाने की असली कला है परफेक्ट छेना। कई बार लोग इसे ठीक से गूंधते नहीं हैं या ज्यादा मसल कर गूंध देते हैं। अगर छेना ठीक से गूंधा न जाए तो रसगुल्ले टूट सकते हैं और अगर बहुत ज्यादा गूंधा जाए तो रसगुल्ला सख्त हो जाता है। सही तरीका है कि छेना को हथेली से धीरे-धीरे दबाकर तब तक गूंधना जब तक वह स्मूथ और चिकना न हो जाए।
कई बार लोग रसगुल्लों को तेज आंच पर उबाल देते हैं जिससे उनका शेप बिगड़ जाता है या वे फट जाते हैं। वहीं धीमी आंच पर पकाने से वे फूलते नहीं और कच्चे रह जाते हैं। असली ट्रिक है कि चाशनी को हल्की उबाल पर रखें और उसमें रसगुल्लों को धीरे-धीरे पकने दें। आंच तेज करने पर चाशनी तेजी से गाढ़ी हो जाती है और रसगुल्ला टाइट बनता है।
रसगुल्ला जितना चाशनी में पकेगा, उतना ही रसदार बनेगा। अगर चाशनी बहुत गाढ़ी होगी तो रसगुल्ला उसमें ठीक से रस नहीं सोखेगा और अगर बहुत पतली होगी तो रसगुल्ला टूटने लगेगा। इसलिए चाशनी बनाने के लिए सही अनुपात है- एक भाग चीनी और चार भाग पानी। इस रेशियो से रसगुल्ला हल्का, जूसी और बिल्कुल परफेक्ट बनेगा।
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रसगुल्ला बनाते वक्त जल्दबाजी सबसे बड़ी गलती है। लोग अक्सर जल्दी-जल्दी के चक्कर में आंच तेज कर देते हैं, चाशनी ठंडी किए बिना रसगुल्ला निकाल लेते हैं या उन्हें आराम से सेट होने का समय नहीं देते हैं। याद रखें कि रसगुल्ला को चाशनी में धीरे-धीरे पकने और ठंडा होने के लिए वक्त चाहिए। तभी उसका स्वाद और टेक्सचर दोनों बेहतर होता है।