
Adulterated Saunf Identification: भारतीय रसोई में सौंफ का इस्तेमाल सिर्फ स्वाद के लिए ही नहीं, बल्कि पाचन और सेहत के लिए भी किया जाता है। लेकिन बढ़ती मांग के साथ बाजार में सौंफ में मिलावट भी तेजी से बढ़ रही है। कई बार सस्ती, खराब क्वालिटी या केमिकल से रंगी हुई सौंफ बेची जाती है, जो हेल्थ के लिए नुकसानदायक हो सकती है। ऐसे में जरूरी है कि आप असली और मिलावटी सौंफ के बीच पहचान करना सीखें। आज हमने यहां सौंफ के बीच मिलावट पहचानने की टिप्स बताए हैं।
सौंफ की अच्छी क्वालिटी महंगी होती है। ज्यादा मुनाफे के लिए कुछ व्यापारी पुरानी सौंफ को केमिकल से चमकाकर बेचते हैं या उसमें नकली खुशबू और रंग मिला देते हैं। कई बार सौंफ के साथ मिलते-जुलते बीज मिलाकर वजन भी बढ़ाया जाता है।
असली सौंफ का रंग हल्का हरा या पीला-सा होता है। अगर सौंफ बहुत ज्यादा चमकीली, गहरे हरे या एकदम यूनिफॉर्म रंग की दिखे, तो सतर्क हो जाएं। ऐसी सौंफ में आर्टिफिशियल रंग मिला हो सकता है।
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थोड़ी सी सौंफ हथेली पर रगड़ें। अगर हाथ पर हरा या पीला रंग चिपक जाए, तो समझ जाएं कि उसमें केमिकल डाई मिलाई गई है। असली सौंफ रगड़ने पर रंग नहीं छोड़ती।
एक कटोरी गुनगुने पानी में सौंफ डालें। अगर पानी का रंग बदलने लगे या ऊपर तैरता हुआ रंग दिखे, तो सौंफ मिलावटी है। शुद्ध सौंफ पानी में रंग नहीं छोड़ती।
असली सौंफ की खुशबू हल्की, मीठी और नेचुरल होती है। अगर सौंफ से तेज, केमिकल जैसी या परफ्यूम जैसी स्मेल आए, तो वह नकली फ्लेवर से तैयार की गई हो सकती है।
थोड़ी सी सौंफ चबाकर देखें। असली सौंफ का स्वाद मीठा और ठंडक देने वाला होता है, जबकि मिलावटी सौंफ कड़वी या अजीब टेस्ट लगती है।
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