
Five Traditional Recipes for Eid Milad un Nabi: ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्म दिन है, जिसे पूरी दुनियाभर के मुसलमान परिवार बहुत ही खुशी और उमंग के साथ मनाते हैं। इस दिन मुस्लिम घरों और मोहल्लों में खूबसूरत सजावट, जुलूस और दुआओं के साथ-साथ खास दस्तरखान की रौनक भी देखने लायक होती है। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के अवसर पर लोग एक दूसरे के घर त्योहार की दावत में भी जाते हैं। ऐसे में अगर आपके दोस्त या परिवारजनों इस अवसर पर आपके घर आते हैं, तो उनका स्वागत करें इन स्वादिष्ट और पारंपरिक व्यंजनों से। आपको भी अगर इस बार अपनी खास महफील के लिए दस्तरखान सजाना है, तो चलिए जानते हैं वो पांच खास पकवान, जिन्हें ईद-ए-मिलाद-उन-नबी 2025 पर बनाकर आप भी मेहमानों को उंगली चाटने पर मजबूर कर सकते हैं।
ईद के दिन की शुरुआत अक्सर नाश्ते से होती है और इसमें सबसे खास होती है निहारी। धीमी आंच पर घंटों तक पकाई गई यह ग्रेवी दार डिश मसालों की खुशबू से महकती है और मुलायम मांस के टुकड़े इसकी स्वाद की जान है। नान या खमीरी रोटी के साथ परोसी जाने वाली निहारी न सिर्फ भूख मिटाती है, बल्कि ईद के दिन दस्तरखान की पारंपरिक पहचान भी है।
इसे भी पढ़ें- क्या फलों पर काला नमक डालना सही है? जानें फायदे और नुकसान
बिरयानी का नाम आते ही मुंह में पानी आने लगता है। ईद-ए-मिलाद-उन-नबी पर इसकी खुशबू पूरे घर और गली-मोहल्ले में फैल जाती है। बासमती चावल, मसाले और मटन या चिकन के साथ पकाई गई बिरयानी हर मेहमान की पहली पसंद होती है। इसकी खूबसूरती यह है कि चाहे हैदराबादी बिरयानी हो या लखनऊ की, हर घर का स्वाद और अंदाज अलग होता है, लेकिन परोसने और खाने में जो खुशी होती है वो सभी में एक ही है।
दस्तरखान कबाबों के बिना भी अधूरा माना जाता है। ईद के दिन घर में बने सीख कबाब और शामी कबाब महफिल को और ज्यादा खास बना देते हैं। बाहर से कुरकुरे और अंदर से नरम इन कबाबों को चटपटी हरी चटनी और प्याज के साथ परोसा जाए तो हर कोई इसके स्वाद का फैन हो सकता है। बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी को पसंद आने वाली ये कबाब मेहमाननवाजी करने का बेहतरीन तरीका हैं।
इसे भी पढ़ें- 14 दिन तक फ्रेश रहेगा केला, शेफ ने इस अनएक्सपेक्टेड जगह रखने की दी सलाह
ईद का जश्न बिना मिठाई और मिठास के अधूरा है और दस्तरखान पर रखने के लिए मिठाई की बात हो तो सबसे पहले नाम आता है शीर कुर्मा का ही नाम आता है। दूध, सेवइयां, मेवे और खुशबूदार इलायची से बना यह मीठा डिश घरवाले और मेहमानों के त्योहार की असली मिठास है। इसे ठंडा और गर्म, दोनों तरह से परोसा जा सकता है और अक्सर यह खास दुआओं और शुभकामनाओं के साथ सर्व किया जाता है।
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी के मौके पर हलीम बनाना भी एक पुरानी परंपरा है। गेहूं, दालों और मांस के मिश्रण से घंटों तक धीमी आंच पर पकाया गया यह व्यंजन न सिर्फ स्वादिष्ट होता है बल्कि सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद है। इसे अक्सर तले हुए प्याज, हरी मिर्च और नींबू के साथ सजाकर परोसते हैं। हलीम के बिना ईद की कोई भी दस्तरखान अधूरी, ऐसे में इस पारंपरिक डिश को अपने रसोई में जरूर बनाएं।