
तिरुमला तिरुपति देवस्थानम में चढ़ाए जाने वाले लड्डू प्रसाद में इस्तेमाल होने वाले घी से जुड़ा बड़ा घोटाला सामने आया है। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि उत्तराखंड की भोले बाबा ऑर्गेनिक डेयरी ने 5 साल तक तिरुपति मंदिर को 68 लाख किलो नकली घी की सप्लाई की, जिसकी कीमत करीब 250 करोड़ रुपये बताई जा रही है। यह मामला सिर्फ आर्थिक अपराध नहीं, खाने-पीने की चीजों में मिलावट सीधे-सीधे हेल्थ पर असर करती है। मिलावटी घी में उपयोग होने वाले कई रिफाइंड ऑयल और हाइड्रोजनेटेड फैट लंबे समय तक उपयोग पर हार्ट-डिजीज, कोलेस्ट्रॉल संबंधी समस्याएं और एंटी-न्यूट्रिएंट असर दे सकते हैं। अगर आप भी डेयरी से घी ले रही हैं तो जानें घर पर आप नकली और असली को कैसे पहचानें?
घी का रंग और बनावट देखें : असली देसी गाय-घी का रंग हल्का सुनहरा-पीलापन और थोड़ी दानेदार/ग्रैनी टेक्सचर का होता है। अगर घी बहुत सफेद, बहुत उबला-सा, या बहुत चिकना और वैक्सी लगे तो शक करें।
सुगंध और टेस्ट : असली घी में नट-शैली खुशबू और हल्का-सा मीठा बटरी-टेस्ट आता है। नकली घी अक्सर तेल जैसा ग्रीसी स्वाद या कृत्रिम बटर/वनस्पति तेल की गंध देता है। छोटे चम्मच में चखकर फर्क महसूस कर सकते हैं।
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वाटर-टेस्ट : एक पारदर्शी गिलास में गुनगुना पानी लेकर 1 चम्मच घी डालें और हल्के से घुमाएं। असली घी साफ तैरता है और पानी में घुलेगा नहीं। यदि घी पानी में तेल जैसी परत बनाकर फैल जाए या घी में तेल-सी अलग परत दिखे तो मिलावट का संकेत हो सकता है।
फ्रिज-टेस्ट / ठंडा-टेस्ट: थोड़ा घी लें और फ्रीजर में 1–2 घंटे रखें। असली घी ठंड में एक समान ठोस रूप लेता है और धीरे-धीरे बिखरता है। नकली घी में अलग-अलग परतें बन सकती हैं या बहुत कठोर और बहुत नरम बन सकता है। यह स्टार्च और कुछ रिफाइंड ऑयल होने पर स्पष्ट हो जाता है।
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हीट-टेस्ट: नॉन-स्टिक पैन गरम करें और 1 चम्मच घी डालें। असली घी में झाग बनते हुए एक ख़ास मधुर स्वाद-आरोमा आएगा और वह समान ताप पर धीमा जलता/भूने जैसा दिखेगा। नकली में अचानक तेल की तरह चुटकियां आ सकती हैं और गंध तेज व अजीब-सी लग सकती है।
आइोडीन टेस्ट: थोड़ा घी पानी में घोलें और उसमें एक-दो बूंद आइोडीन डालें। अगर रंग नीला/काला होता है तो इसमें स्टार्च/कॉर्पस मिले होने का संकेत है। यह घरेलू प्रयोग लैब-जांच के ऑप्शन नहीं पर साइन देता है।