
Real silver work for sweet: त्यौहारों का मौसम आते ही मिठाइयों की खुशबू हर जगह फैल जाती है। लड्डू, बर्फी, काजू कतली जैसी मिठाइयों पर चमचमाता हुआ चादी का वर्क न सिर्फ उनकी खूबसूरती बढ़ा देता है, बल्कि खाने वालों को भी एक खास एहसास देता है। लेकिन अक्सर लोग इस बात को लेकर असमंजस में रहते हैं कि मिठाई पर लगा यह सिल्वर वर्क असली है या नकली। बाजार में डिमांड बढ़ने और चांदी की महंगाई बढ़ने से नकली वर्क भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है, जो सेहत के लिए हानिकारक होता है, साथ ही कस्टमर नकली वर्क पर असली का दाम देकर ठगे जाते हैं। ऐसे में मिठाई खरीदते समय या घर पर सिल्वर वर्क इस्तेमाल करते समय सही और नकली की पहचान करना बहुत जरूरी है। आज हम आपको चांदी के वर्क असली है या नकली इसका फर्क बताएंगे।
चांदी का वर्क बहुत पतली चादर या पेपर की तरह होता है जिसे मिठाइयों, पान और कभी-कभी डिशेज को डेकोरेट करने के लिए लगाया जाता है। असली चांदी का वर्क शरीर के लिए नुकसानदायक नहीं होता, बल्कि आयुर्वेद में इसे पचने लायक माना गया है। लेकिन अगर नकली वर्क खाया जाए, जिसमें एल्यूमिनियम या दूसरे धातुओं का उपयोग किया गया हो, तो यह सेहत के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।
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असली चांदी का वर्क शरीर को नुकसान नहीं पहुंचाता और कई बार पाचन तंत्र के लिए भी फायदेमंद माना गया है। लेकिन नकली वर्क अगर एल्यूमिनियम से बना हो, तो यह पाचन तंत्र, किडनी और लीवर पर बुरा असर डाल सकता है। बच्चों और बुजुर्गों के लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। इसलिए मिठाई खरीदते समय ब्रांड या विश्वसनीय दुकानों से ही खरीदना हेल्थ के लिए सेफ है।
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नहीं, असली चांदी का वर्क नुकसानदायक नहीं होता। यह शरीर में पच जाता है और कई बार इसे आयुर्वेदिक औषधियों में भी इस्तेमाल किया जाता है।
नकली वर्क अक्सर एल्यूमिनियम या दूसरे धातुओं से बनाया जाता है, जो दिखने में ज्यादा शाइनी और अट्रैक्टिव लगता है लेकिन शरीर के लिए खतरनाक होता है।