
How to Make Curd in Summer: गर्मियों में दही खाना सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद होता है। लोग इसे खीरा और रायता बनाकर खाना पसंद करते हैं। यह एक प्रोबायोटिक है, जो आंत की सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लोग गर्मियों में इसे अपनी डाइट में जरूर शामिल करते हैं। कई लोग बाजार से दही लाते हैं, जबकि ज्यादातर लोग इसे घर पर ही जमाना पसंद करते हैं। गर्मियों के मौसम में दही जल्दी खट्टा हो जाता है, यह एक आम समस्या है। इसका कारण दही जमाते समय की गई कुछ गलतियां हो सकती हैं। अगर दही जमाते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए, तो दही न सिर्फ सही स्वाद में जम सकता है, बल्कि खट्टापन भी सीमित किया जा सकता है।
दही जमाते समय कई लोग दूध को ज्यादा गर्म कर देते हैं। लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए। दही जमाने के लिए दूध को उबालने के बाद थोड़ा ठंडा करना जरूरी होता है। गर्मियों में दूध का गुनगुना होना बहुत जरूरी है, क्योंकि अधिक तापमान से दही में बैक्टीरिया बढ़ जाते हैं, जिससे दही जल्दी और ज्यादा खट्टा हो जाता है।
गर्मियों में जामन यानी पुराने दही की मात्रा कम रखनी चाहिए, क्योंकि इसे ज्यादा मात्रा में इस्तेमाल करने से दही जल्दी जम जाएगा और खट्टा हो जाएगा। आमतौर पर 1 लीटर दूध के लिए 1 से 1.5 चम्मच जामन काफी है। इसके अलावा पुराना दही यानी जामन ज्यादा ठंडा न हो, यानी इसे सीधे फ्रिज से निकालकर दूध में नहीं डालना चाहिए। जामन को कमरे के तापमान पर थोड़ा गर्म रखें, फिर दूध में इसे मिला दें।
ठंड के दिनों से गर्मियों में 4 से 5 घंटे में ही दही जम जाता है, जबकि सर्दियों में इसे जमने में 7 से 8 घंटे या इससे भी ज्यादा समय लग सकता है। अगर आप इसे ज्यादा देर तक बाहर रखेंगे तो यह जल्दी ही खट्टा हो जाएगा। इसलिए गर्मियों में दही को 4 से 5 घंटे बाद फ्रिज में रखें, ताकि वह ज्यादा खट्टा न हो सके।
दही जमाने के लिए मिट्टी या कांच के बर्तन सबसे अच्छे माने जाते हैं। ये बर्तन तापमान को संतुलित रखते हैं और दही का अच्छा स्वाद बनाए रखने में मदद करते हैं। इसके अलावा एल्युमीनियम के बर्तन में दही जमाने से वह जल्दी खट्टा हो सकता है।
गर्मी के दिनों में दही को सीधे गर्म रसोई या धूप में न रखना चाहिए, इससे दही बहुत जल्दी खट्टा हो जाता है। दही को छायादार, ठंडी जगह पर जमाएं और 4 से 5 घंटे बाद फ्रिज में जरूर रख दें। शाम को दही जमाना बेस्ट रहेगा, क्योंकि इस समय तापमान थोड़ा कम होता है।