पीरियड्स के दर्द को दूर करने के लिए खाई गोली, ब्रेन में जम गया खून का थक्का, हुई मौत

ब्रिटेन के वेल्स में एक 16 साल की लड़की की गर्भनिरोधक गोलियां खाने से मौत हो गई। वो पीरियड्स के दर्द को दूर करने के लिए गोली खा रही थी।

 

हेल्थ डेस्क. पीरियड के दौरान अमूमन हर लड़की को असहनीय दर्द का सामना करना पड़ता है। कुछ लोग दर्द को कम करने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं। लेकिन ब्रिटेन के वेल्स में रहने वाली 16 साल की लड़की को ऐसा करना महंगा पड़ गया। लायला(Layla) नाम की लड़की को पीरियड के दौरान दर्द हुआ। जिसके बाद उसके कुछ दोस्तों ने उसे गर्भनिरोधक गोली खाने का सुझाव दिया। जिसके बाद उसने गोली लेना शुरू कर दिया। उसे नहीं पता था कि ऐसा करना उसकी सबसे पड़ी भूल है।

गोली लेने के 18 दिन बाद 13 दिसंबर को उसकी ब्रेन क्लॉट से मौत हो गई। द टेलीग्राफ की एक रिपोर्ट की मानें तो दोस्तों की सलाह पर लायला 25 नवंबर को गोलियां लेना शुरू कर दिया था। 5 दिसंबर तक उसे सिरदर्द होने लगा और 8 दिसंबर से उल्टी भी शुरू हो गई। लेकिन डॉक्टर ने शुरू में सोचा कि समस्या पेट में कीड़े की है। उसका इलाज चल रहा था कि एक दिन उसे गंभीर दर्द हुआ जिसके बाद मां उसे अस्पताल लेकर गई। टेस्ट करने पर पता चला कि उसके ब्रेन में खून का थक्का (ब्रेन क्लॉट) जम गया है, जिससे ब्रेन में स्वेलिंग आ गई है।

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पहले डॉक्टर ने बताया कि पेट में कीड़ा है

लायला की चाची जेना ब्रेथवेट ने बताया कि हम शब्दों में भी नहीं कह सकते कि हमारा परिवार कितना तबाह हो गया है। अभी हाल ही में अपने नाना को खोया। इसके बाद हमारी बच्ची चली गई। उसने बताया कि लायला को हर 30 मिनट पर उल्टी हो रही थी। हम उसे अस्पताल लेकर गए जहां पर उसके पेट में कीड़ा है कहकर उसकी गोली दी। डॉक्टर ने इसके अलावा और कोई टेस्ट नहीं किया। लेकिन उसकी स्थिति बिगड़ने लगी। वो बाथरूम में दर्द की वजह से गिर पड़ी। जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल लेकर गए।

गर्भनिरोधक गोली से ब्रेन में क्लॉट हुआ

वे उसे ग्रिम्सबी के निकटतम अस्पताल में ले गए और सीटी स्कैन करने के बाद उसके ब्रेन में ब्लड क्लॉट हो गया था। इस बारे में डॉक्टर ने कहा कि स्वस्थ लोगों में इस तरह की बीमारी रेयर होती है।लेकिन हार्मोनल गर्भनिरोधक लेने वाले लोगों में इसकी संभावना अधिक हो सकती है। 13 दिसंबर को लायला की सर्जरी की गई। अगले दिन उसे ब्रेन-डेड घोषित कर दिया गया।

पांच लोगों की बचाई गई जिंदगी

फैमिली बताती है कि लायला पढ़ने में काफी होशियार थी। उसके टीचर उसे ऑक्सफोर्ड छात्र मानते थे। ब्रेन डेड होने पर लायला के अंग दान कर दिए गए। डॉक्टर ने फैमिली को बताया कि लैला के अंगों ने क्रिसमस से कुछ दिन पहले पांच लोगों की जान बचाई है।

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