सार
कोरोना अपने नए वेरिएंट के साथ फिर से लोगों को डराना शुरू कर दिया है। BA.2.86 का एक नया सब-वेरिएंट JN.1 का केस भारत में आने के बाद केंद्र अलर्ट हो गई है और राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। आइए जानते हैं JN.1 कितना खतरनाक है।
हेल्थ डेस्क. साल का आखिरी महीना चल रहा है। नए साल में कदम रखने में हम बस चंद कदम के फासले पर हैं। ऐसे में एक डराने वाली खबर सामने आई है। कोरोना के नए वैरिएंट का पता चला है। BA.2.86 (जिसे पिरोला भी कहा जाता है) का एक नया सब वेरिएंट JN.1 आया है। जो अपने आप में व्यापक रूप से प्रसारित ओमीक्रॉन वैरिएंट का एक ऑफ-शूट है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया के सभी देशों को चेतावनी जारी की थी।
भारत में भी इस वेरिएंट का केस आ गया है। जिसके बाद केंद्र सरकार अलर्ट हो गई है। हाल ही में केरल में एक 78 साल की महिला JN.1 से संक्रमित पाई गई। 8 दिसंबर को तिरुवनंतपुरम के काराकुलम में जेएन.1 का नया मामला सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को एडवाइजरी जारी की है और उनसे "निरंतर सतर्कता बनाए रखने" का आग्रह किया गया है।
JN.1 वैरिएंट ज्यादा संक्रामक है
JN.1 वैरिएंट को मूल रूप से लक्ज़मबर्ग में खोजा गया था और यह ओमिक्रॉन उप-संस्करण का वंशज है, जो पिरोला किस्म (BA.2.86) का सोर्स है। इसमें स्पाइक प्रोटीन परिवर्तन हैं जो इसे अधिक संक्रामक और प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया से बचने वाला बना सकते हैं। मतलब यह कोरोना वैक्सीन लगने के बाद भी यह लोगों को अपनी चपेट में ले सकता है। यह तेजी से फैलने वाला बताया जा रहा है।
कोविड वैरिएंट JN.1 के लक्षण क्या हैं?
हालांकि नए वेरिएंट के लक्षण भी पुराने कोरोना वायरस की तरह ही है। बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, खांसी और, कुछ मामलों में, हल्के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण शामिल हैं। नए वेरिएंट होने की वजह से गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं पैदा होने की अधिक आशंका हो सकती है। हालांकि इसे लेकर और शोध की जरूरत है।
कैसे करें बचाव
बार-बार हाथ धोने के साथ-साथ मास्क का उपयोग भीड़ भाड़ वाले इलाके में करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। अगर कोरोना के लक्षण नजर आएं तो तुरंत टेस्ट कराएं और खुद को आइसोलेट कर लें।
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