मोशनलेस लाइफस्टाइल हेल्थ से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकती है। थोड़ी सी शारीरिक गतिविधि को बढ़ाकर मोशनलेस लाइफस्टाइल से जुड़े कई जोखिम को कम कर सकते हैं।
हेल्थ डेस्क.एक व्यक्ति जो दिन में 6 घंटे या उससे अधिक समय बैठकर या लेटकर बिताता है, उस दौरान वो कोई फिजिकल एक्टिविटी में शामिल नहीं होता है। उसे मोशनलेस लाइफस्टाइल जीते हैं। ऑफिस में कंप्यूटर पर काम करने वाले लोग, सोने से पहले टीवी देखकर या फोन का उपयोग करने वाले लोग इस दायरे में आते हैं। गतिहीन या मोशनलेस बिहेवियर कई हेल्थ प्रॉबल्मस का कारण बन सकता है। हालांकि आपको यह गलत लग सकता है। लेकिन यह बिल्कुल सत्य है। हम आपको बताने जा रहे हैं कि बिना गति की जिंदगी जीने से कौन-कौन सी शारीरिक दिक्कत सामने आ सकती है।
1. हार्ट से जुड़ी बीमारी का खतरा
शारीरिक गतिविधि नहीं करना आपको दिल से जुड़ी बीमारी का पेशेंट बना सकता है। जिसमें कोरोनरी आर्टरी रोग शामिल हो सकता है। गतिहीन जीवनशैली से आप कभी भी हार्टअटैक के शिकार हो सकते हैं। हालांकि दिल से जुड़ी बीमारियों के कई और कारण हो सकते हैं। लेकिन निष्क्रियता ( inactivity ) एक प्रमुख कारण हो सकती है।
2.मोटापे का खतरा बढ़ना
ज्यादा देर बैठे रहने या लेटे रहने से एक्टिविटी कम होती है जिससे कैलोरी बर्न कम होता है। ऐसे में मोटापा बढ़ता जाता है। नये शोध में भी इसके संकेत मिले हैं कि गतिहीन जीवनशैली से अनजाने में वजन बढ़ सकता है। बढ़ा हुआ वजन दिल की बीमारी को भी न्योता देता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि वयस्क और किशोर प्रत्येक सप्ताह कम से कम 2.5 घंटे की शारीरिक गतिविधि में शामिल हो।
3. मेंटल हेल्थ पर निगेटिव असर
सेरोटोनिन, एक न्यूरोट्रांसमीटर जो मूड को बेहतर बनाता है, जब आप एक्सरसाइज करते हैं तो आपके मस्तिष्क इसे रिलीज करता है। लेकिन जब आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो यह कम प्रेरित होता है और कम खुश होने वाली भावना आप महसूस करते हैं। क्योंकि सेरोटोनिन कम रिलीज होता है। इसलिए मेंटल हेल्थ को बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज जरूरी है।
4. कोलेस्ट्रॉल का खतरा बढ़ना
मोशनलेस लाइफस्टाइल आपके कोलेस्ट्रॉल पर भी प्रभाव डालता है। अगर आप एक्सरसाइज नहीं करते हैं तो आपको हाई कोलेस्ट्रॉल हो सका है। हाई कोलेस्ट्रॉल कई तरह की बीमारी को बढ़ा देता है। इससे संवहनी समस्याएं, धमनियां सख्त होना और अन्य समस्याएं हो सकती हैं।
5.टाइप-2 डायबिटीज
यदि आप निष्क्रिय हैं तो आपका शरीर इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो सकता है। जिससे डायबिटीज विकसित होने का खतरा बढ़ जाता है। अन्य बीमारियों की तरह डायबिटीज भी आपके लाइफ पर खतरा बन सकता है।
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