पैर क्रॉस कर के बैठने की आदत बना देगी बीमार, पिता बनने के सपने पर भी लग सकता है 'ग्रहण'

क्रॉस लेग बैठने की मुद्रा में एक पैर के ऊपर दूसरा पैर रखा जाता है, कई लोगों की आदत में ऐसे बैठना शुमार है। लोगों के लिए इस स्टाइल में बैठना आराम का एहसास कराता है। लेकिन यह जानना जरूरी है कि इसके कुछ शारीरिक नुकसान भी हैं।

हेल्थ डेस्क. कुछ लोगों को पैर को क्रॉस करके बैठने की आदत होती है। पैर के ऊपर पैर चढ़ाकर वो बैठना पसंद करते हैं। पुरुष से ज्यादा महिलाएं इस तरह बैठती हैं। दरअसल, क्रॉस लेग करके बैठना आराम का अनुभव कराता है। ऑफिस हो या फिर घर हर जगह वो इस मुद्रा में बैठना ही पसंद करते हैं। लेकिन इस तरह बैठना सेहत के लिए अच्छा नहीं है। यह कई तरह की बीमारी आपके लिए लेकर आती है। पुरुषों का स्पर्म काउंट तक कम कर देती है। तो चलिए बताते हैं क्रॉस लेग बैठने के साइट इफेक्ट (crossed leg sitting posture side effects)।

आर्थोपेडिक इश्यू

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लंबे समय तक या आदतन क्रॉस पैर बैठने से आर्थोपेडिक समस्याएं हो सकती हैं, खासकर पीठ के निचले हिस्से और कूल्हों में। ऐसे बैठने से वजन असामान रूप बढ़ता है जिससे रीढ़ और पेल्विस पर दबाव पड़ता है।

नर्व पर दबाव पड़ता है

अपने पैरों को क्रॉस करके बैठने से कभी-कभी पेरोनियल नर्व दब सकती है, जिससे निचले पैर में अस्थायी सुन्नता और झुनझुनी हो सकती है।

मांसपेशियों में असंतुलन

समय के साथ इस तरह बैठने से मांसपेशियों में असंतुलन पैदा कर सकता है। खासकर कूल्हे और पेल्विस एरिया में। यह पेल्विस का आकार बिगड़ जाता है। पीठ के निचले हिस्से में दर्ज जैसी समस्या पैदा कर सकता है।

सूजे हुए नस

पैरों को क्रॉस करने से पैरों में ब्लड का फ्लो प्रभावित हो सकता है। जिससे नस सूज सकते हैं। यह उन व्यक्तियों के लिए अधिक चिंता का विषय है जिन्हें पहले से ही इस स्थिति की संभावना है।

पाचन संबंधी समस्याएं

कुछ विशेषज्ञों का सुझाव है कि क्रॉस पैर करके बैठने से स्वस्थ पाचन में बाधा आ सकती है। यह पेट के क्षेत्र को संकुचित कर सकता है और संभावित रूप से असुविधा या सूजन का कारण बन सकता है।

जोड़ों में खिंचाव

पैरों को क्रॉस करके बैठने से घुटनों और टखनों पर अतिरिक्त दबाव पड़ सकता है, खासकर अगर यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहे।

स्पर्म काउंट भी होता है प्रभावित

रिसर्च की मानें तो पैरों को क्रॉस करके बैठने से पुरुषों को स्पर्म काउंट भी कम होने लगता है। इसकी वजह टेस्टिकल्स का तापमान का सामान्य से बढ़ जाना है। जिसकी वजह से स्पर्म काउंट कम होने लगता है।

झुकने में दिक्कत

इस तरह लगातार बैठने से वक्त के साथ झुकने में दिक्कत हो सकती है। कंधों का झुकना और आगे की ओर सिर झुकाना जैसी लॉन्ग टर्म समस्या हो सकती है।

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