
Emergency Care Tips After a Dog Bite: कुत्ते के काटने के मामले में अक्सर लोग घबरा जाते हैं और सही समय पर सही कदम नहीं उठा पाते। यही लापरवाही रेबीज (Rabies) जैसी खतरनाक बीमारी का कारण बन सकती है। रेबीज एक ऐसी स्थिति है जिसका समय रहते इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा हो सकती है। आजकल देश भर में तेजी से कुत्ता काटने का मामला सामने आ रहा है। इसके लिए कुत्ता पालतू हो या फिर स्ट्रीट डॉग, डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है, ताकि इस जानलेवा बीमारी से बचा जा सके। इसलिए जरुरी है कि कुत्ते के काटते ही बिना देर किए कुछ जरूरी सावधानियां बरती जाएं।
कुत्ते के काटने के बाद सबसे पहला और सबसे जरूरी कदम है कि उस घाव को तुरंत साफ पानी और साबुन से धोएं। ऐसा करने से घाव में मौजूद वायरस और बैक्टीरिया काफी हद तक खत्म हो जाते हैं। कम से कम 10–15 मिनट तक बहते पानी से घाव को धोना चाहिए और किसी भी तरह का गंदा कपड़ा लगाने से बचना चाहिए।
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कई बार लोग घाव पर हल्दी, मिट्टी, नीम का रस या कोई घरेलू उपाय लगाने लगते हैं। लेकिन यह बिल्कुल गलत है। ऐसे देसी इलाज से घाव और संक्रमित हो सकता है। डॉक्टर के पास जाने से पहले घाव पर सिर्फ साफ कपड़ा या बैंडेज लगाएं, ताकि संक्रमण और न फैले।
कुत्ते के काटने के बाद सबसे जरूरी कदम है कि आप तुरंत नजदीकी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र जाएं और एंटी-रेबीज वैक्सीन (ARV) लगवाएं। यह वैक्सीन वायरस को शरीर में फैलने से रोकती है और रेबीज से बचाव करती है। वैक्सीन का पूरा कोर्स डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करवाना चाहिए।
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कुत्ते के काटने के बाद सिर्फ वैक्सीन ही नहीं बल्कि घाव की पूरी जांच भी करवानी चाहिए। कभी-कभी गहरे घाव में टांके, टिटनेस इंजेक्शन (TT injection) या एंटीबायोटिक दवाइयों की जरूरत पड़ती है। डॉक्टर की सलाह के बिना कोई दवा खुद से न लें।
अगर कुत्ता पालतू है तो उसे कम से कम 10 दिन तक ऑब्जर्व करें। अगर वह स्वस्थ रहता है तो संक्रमण का खतरा कम हो सकता है, लेकिन फिर भी वैक्सीन का पूरा कोर्स जरूरी है। वहीं अगर कुत्ता आवारा या बीमार दिख रहा हो तो इसे और भी गंभीरता से लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर को जानकारी देनी चाहिए।
अक्सर लोग वैक्सीन की 1–2 डोज लगवाने के बाद लापरवाही कर देते हैं और आगे का कोर्स छोड़ देते हैं। यह बहुत खतरनाक हो सकता है क्योंकि अधूरा कोर्स शरीर को पूरी तरह से सुरक्षा नहीं देता। इसलिए डॉक्टर द्वारा बताए गए पूरे वैक्सीन शेड्यूल को फॉलो करना ही सबसे सुरक्षित ऑप्शन है।