आजकल ज्यादातर घरों में पालतू कुत्ते देखने को मिल जाते हैं। लोग उन्हें अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। सुबह टहलने से लेकर बच्चों के साथ खेलने तक, हर जगह ये डॉग्स शामिल रहते हैं।
परिवार वालों से तो ये कुत्ते घुल-मिल जाते हैं, लेकिन बाहर वालों के लिए अक्सर खतरनाक होते हैं। कई खबरें आती रहती हैं कि पालतू कुत्ते ने पड़ोसी को काट लिया या किसी पर हमला कर दिया।
ऐसे हालात में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि अगर बाहर वालों को किसी का पालतू कुत्ता काट ले, तो आखिर इसकी जिम्मेदारी किसकी होगी और पीड़ित का इलाज कौन कराएगा?
भारत में पालतू जानवर रखने वालों के लिए कुछ खास नियम हैं। पालतू जानवर रखने का मतलब सिर्फ उसकी देखभाल करना नहीं है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि वह किसी और को नुकसान न पहुंचाए।
अगर किसी का पालतू कुत्ता किसी को काट लेता है, तो कानून के मुताबिक उसकी पूरी जिम्मेदारी सीधे मालिक पर आती है।
अगर डॉग बाइट के बाद पीड़ित को इंजेक्शन, दवाइयों या अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत पड़ती है, तो उसका पूरा खर्च मालिक को उठाना होगा। मालिक इस जिम्मेदारी से भाग नहीं सकता।
अगर मालिक की लापरवाही सामने आती है, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है। कई नगर निगम ने पालतू कुत्तों के रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन को अनिवार्य कर दिया है।
रजिस्ट्रेशन में कुत्ते की पूरी जानकारी, लाइसेंस और टीकाकरण का रिकॉर्ड रखना जरूरी है। अगर इन नियमों का पालन नहीं किया गया तो जुर्माना और सजा भी हो सकती है।
पालतू कुत्तों का समय पर टीकाकरण कराना जरूरी है। उन्हें सही तरीके से ट्रेनिंग देना चाहिए। घर के आसपास और बाहर लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए।