बेसल यूनिवर्सिटी का रिसर्च, कोविड के बाद पुरुषों में हार्ट बीट्स रेट और टेम्प्रेचर में बढ़ोतरी

स्विटजरलैंड के बैसल विश्वविद्यालय के अध्ययन में सामने आया है कि कोविड 19 के बाद से पुरुषों के हार्ट बीट रेट लगातार बढ़े पाए गए हैं। यही नहीं उनका सामान्य टेम्प्रेचर में भी कोविड 19 के बाद तुलनात्मक रूप से अधिक रहता है। जबकि महिलाओं में कम है। 

Yatish Srivastava | Published : Mar 7, 2024 2:07 PM IST

हेल्थ डेस्क। कोविड महामारी के बाद से स्वास्थ्य के प्रति लोगों की चिंता थोड़ी बढ़ गई है। हेल्थ को लेकर भी लोग काफी कॉन्शस हो गए हैं। स्विटजरलैंड के बेसल विश्वविद्यालय की रिसर्च में सामने आया है कि कोविड महामारी के बाद से स्वास्थ के मामले में पुरुषों की स्थिति में अधिक गिरावट आई है। शोध में पाया गया है कि पुरुषों की हार्ट बीट्स और शरीर का तापमान महिलाओं के मुकाबले ज्यादा रहने लगा है। वहीं महिलाओं में होने वाले हार्मोनल चेंज को स्टडी में नहीं रखा गया है।

स्टडी में बताया गया कि कोविड 19 बीमारी Sars-Cov-2 वायरस के कारण होती है। इस वायरस के कारण कई सारी स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें जैसे सांस संबंधी समस्या, दिमागी थकान आदि रहती हैं। वैज्ञानिक अभी कोविड 19 के आफ्टर इफेक्ट को लेकर अभी रिसर्च कर ही रहे हैं। इन्हीं रिसर्च में से पुरुषों में होने वाली इस स्थिति के बारे में फैक्ट सामने आए हैं। 

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पुरुष कोविड मरीजों का हॉस्पिटलाइजेशन रेशियो भी अधिक
बेसल यूनिवर्सिटी के रिसर्च में ये भी बात सामने आई है कि कोविड 19 के दौरान हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों में महिलाओं की तुलना में पुरुष अधिक भर्ती हुए थे। इसके साथ ही एक अध्ययन में ये भी सामने आया है कि महिलाओं की तुलना में रिकवरी की अवधि में पुरुषों के ब्रीदिंग रेट भी अधिक था। शोधकर्ताओं की माने तो पुरुषों और महिलाओं को कोविड के दौरान अलग-अलग शारीरिक प्रतिक्रियाओं का अनुभव होता है जिससे ये पता चल सकता है कि महामारी के दौरान पुरुषों की मृत्यु दर अधिक क्यों रही है।

क्या कहता है डब्ल्यूएचओ 
डब्ल्यूएचओ के मुताबिक कोविड महामारी में ज्यादातर लोगों सांस संबंधी दिक्कतें आएंगी लेकिन यह बिना किसी स्पेशल ट्रीटमेंट के ही ठीक भी हो जाएगी। कुछ ही कोविड के गंभीर शिकार होंगे जिन्हें इस बीमारी से उबरने के लिए उपचार की जरूरत पड़ेगी। यह भी बताया गया कि कोविड संक्रमित व्यक्ति के खांसते, बोलते या छींकते समय एक छोटा सा कण भी यदि एक से दूसरे के शरीर में चला जाए तो वह संक्रमण फैलाने के लिए काफी होता है।

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