
फूड डेस्क: कई लोग मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा होते हैं जबकि कईयों को अपना गुजारा करने के लिए कड़ा संघर्ष करना पड़ता है। ऐसी ही कहानी दिल्ली के रहने वाले शाकिर की है। दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के ओखला में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लड़के शाकिर की रियल लाइफ कहानी काफी इंस्पायर करने वाली है। क्योंकि उन्होंने रियल लाइफ स्मल डॉग मिलियनेयर की कहानी को सच साबित कर दिखाया है। जामिया नगर में शाकिर पैसे कमाने के लिए बिरयानी का एक ठेला लगाया करते थे। बिरयानी बेचकर गुजारना करने वाले शाकिर की अब दुनिया की बदल चुकी है। ओखला टाइम्स के मुताबिक, उन्हें भारत के सबसे बड़े बैंकों में से एक से सालाना 8.5 लाख रुपये की नौकरी की पेशकश की है।
'स्लमडॉग मिलियनेयर' बने शाकिर
शाकिर रियल लाइफ में स्मल डॉग मिलियनेयर के रूप में सामने आए हैं। अपने बिरयानी बिजनेस को चलाने के सालों बाद शाकिर को एक हाई सैलरी जॉब मिली है। कमाल की बात ये है कि बिरयानी बनाने वाले लड़के के धैर्य और दृढ़ संकल्प ने उन्हें सफलता दिलाई। अब शाकिर अपने जीवन में अपनी पहचान बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
शाकिर को ऐसे मिली सफलता
शाकिर की सफलता की राह आसान नहीं थी, लेकिन जानकारी के मुताबिक उनका सपना असीम आशा फाउंडेशन की मदद से पूरा हुआ। जो कि एक नॉन प्रोफिट ट्रस्ट है। AAF के निदेशक असीम उस्मान ने शाकिर को एक शर्मीले लड़के के रूप में पाया, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करके जीवन में अपनी पहचान बनाना था। ऐसे में एनजीओ ने शाकिर की पूरे समय आर्थिक मदद की और जब उन्हें एमिटी में एमबीए में प्रवेश मिला, तो ट्रस्ट ने उनकी फीस का भुगतान किया। इस तरह उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी की। अच्छी बात यह है कि अब शाकिर को नौकरी मिल गई है और बहुत जल्द वह 8 लाख, 50,000 रुपये प्रति वर्ष के वेतन के पैकेज के साथ नई पारी शुरू करने के लिए तैयार हैं।'
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