
Microplastic in food: चाहे सीजन फेस्टिवल का हो या फिर नॉर्मल डेज, आजकल 10 मिनट के अंदर पसंदीदा फूड घर में आ जाते हैं। फूड इतनी टेस्टी होते हैं कि लोग महीने में 5 से 6 या उससे ज्यादा बार फूड ऑर्डर करते हैं। क्या आप भी उन लोगों में शामिल हैं, जो ज्यादातर बाहर से फूड मंगाकर घर में खाते हैं? अगर हां, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। पैकिंग के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले काले रंग के कंटेनर आपके शरीर को धीरे-धीरे खतरनाक बीमारी की ओर धकेल रहे हैं। जी हां! ऐसा हम नहीं बल्कि डॉक्टर का मानना है। गरमा गरम फूड्स को प्लास्टिक के कंटेनर्स में भर दिया जाता है और फिर आपके घर में पहुंचाया जाता है। प्लास्टिक गर्म होने पर पिघलती है और खाने में मिल जाती है। आइए जानते हैं इस बारे में डॉक्टर ने क्या खास बात बताई।
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डॉक्टर आभा भल्ला इंस्टाग्राम पोस्ट के माध्यम से बताती हैं कि प्लास्टिक के डिब्बे में गर्म खाना रखना बहुत ज्यादा हानिकारक होता है। ब्लैक प्लास्टिक इलेक्ट्रॉनिक सामान जैसे की टीवी, मोबाइल आदि के प्लास्टिक को गला कर बनाई जाती है। इनमें लेड, मरकरी के अलावा अन्य खतरनाक केमिकल्स होते हैं। जब इसमें गर्म खाना भरा जाता है, तो कुछ मात्रा में प्लास्टिक पिघल कर खाने में भी आ जाती है। यह खाने के दौरान पता नहीं चलता है और लोग बहुत स्वाद लेकर खाना खाते हैं। माइक्रोप्लास्टिक धीरे-धीरे शरीर में जाने लगती है। कुछ समय बाद यही कैंसर का कारण बनती है।
फूड ऑर्डर करते समय आप चाहे तो इंस्ट्रक्शन के तौर पर प्लास्टिक डब्बे के इस्तेमाल न करने की सलाह दे सकते हैं। अगर आपको बाहर का खाना खाना ही है, तो ऑर्डर करने के बजाय आप दुकान जाकर भी खा सकते हैं। आप चाहे तो मार्केट रेस्टोरेंट जाकर स्टील के बर्तन में खाना पैकर कराकर भी ला सकते हैं। कुछ बातों का एहतियात रखकर आप भयानक कैंसर की बीमारी से बच सकते हैं।
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