Bowel Cancer : रेचेल रीड को लगा था कि वह कभी कैंसर की शिकार नहीं होंगी, लेकिन 33 की उम्र में बाउल कैंसर ने उनकी जिंदगी बदल दी। वर्ल्ड कैंसर रिसर्च डे पर वह जागरूकता की कहानी साझा कर रही हैं।
Health News: कई बार हम ये सोचते हैं कि हमें तो ये बीमारी हो ही नहीं सकती है। हम हेल्दी लाइफस्टाइल जीते हैं। बावजूद इसके कई बार हम ऐसे खतरनाक रोग से पीड़ित हो जाते हैं, जो आपकी जिंदगी में एक बड़ा बदलाव करके चला जाता है। ऐसा ही कुछ वेल्स की रहने वाली रेचेल रीड के साथ हुआ। महज 33 साल की उम्र में उन्हें बॉवेल कैंसर (आंत का कैंसर) डायग्नोज़ हुआ। वह मानती थीं कि वह बिल्कुल कैंसर-प्रूफ हैं, लेकिन दो आम लक्षणों ने उनकी जिंदगी को पूरी तरह बदल दिया।
एक्टिव लाइफस्टाइल के बावजूद कैंसर का झटका
रेचेल एक हेल्दी और एक्टिव लाइफ जीती थीं। वह जिम जाती थीं, रोज फल-सब्ज़यां खाती थीं, न शराब पीती थीं और न ही स्मोकिंग करती थीं। उन्हें लगता था कि इस वजह से उन्हें कभी कैंसर जैसी बीमारी नहीं हो सकती। लेकिन 2018 में जब वह सिर्फ 33 साल की थीं, उन्हें पेट दर्द और लगातार थकान जैसे दो लक्षण महसूस होने लगे। शुरुआत में उन्होंने इन्हें गंभीरता से नहीं लिया।
गलत डायग्नोसिस और 18 महीने की जद्दोजहद
रेचेल बताती हैं कि मुझे यह समझ ही नहीं आया कि थकान और पेट दर्द कैंसर के संकेत हो सकते हैं। मैंने इन्हें कभी रेड फ्लैग नहीं माना। पहले डॉक्टरों ने उन्हें IBS (इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम) का इलाज दिया। फिर शक हुआ कि यह सोरायसिस की दवा या किसी फूड इंटॉलरेंस का असर है। लेकिन सच्चाई सामने आने में पूरे 18 महीने लग गए।
सर्जरी, कीमो और लंबा इलाज
जब अंत में पता चला कि यह बॉवेल कैंसर है, तब तक बीमारी बढ़ चुकी थी। रेचेल को दो बड़ी सर्जरी और कीमोथेरेपी से गुजरना पड़ा। लगातार संघर्ष के बाद 2020 में उन्हें ऑल-क्लियर घोषित किया गया और तब से वह अपनी रिकवरी और नई जिंदगी बनाने में जुटी हैं।
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दूसरों को जागरूक करने का मिशन
अब 40 साल की रेचेल अपने पति डीन और डॉग शेल्डन के साथ पॉन्टीप्रिड (Pontypridd) में रहती हैं। वह Cancer Research Wales के लिए काम कर रही हैं और अपनी स्टोरी लोगों तक पहुंचा रही हैं। वह कहती हैं कि अगर मेरी कहानी से सिर्फ एक भी इंसान को समय पर डायग्नोसिस मिल जाता है, तो मैं खुश रहूंगी।
प्रश्न- बॉवेल कैंसर क्या है?
बॉवेल कैंसर, जिसे कोलोरेक्टल कैंसर भी कहते हैं, बड़ी आंत (कोलन) या मलाशय (रेक्टम) में शुरू होने वाला कैंसर है। यह बड़ी आंत की अंदरूनी परत में बनने वाली पॉलीप्स से शुरू हो सकता है।
प्रश्न- बॉवेल कैंसर के शुरुआती लक्षण
पेट में दर्द, थकान, कम वजन हो और मल में खून आना।
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