
Buerger Dsease symptoms: आजकल के भागदौड़ भरी जिंदगी में न सिर्फ लोग गलत आदतों को अपना रहे हैं बल्कि भयानक बीमारी का शिकार भी हो रहे हैं। WHO की रिपोर्ट की मानें तो भारत में 15 वर्ष से या उससे अधिक उम्र के करीब 25 करोड लोग स्मोकिंग करते हैं। स्मोकिंग के कारण न सिर्फ कैंसर बल्कि अन्य बीमारियों का रिस्क भी बढ़ जाता है। इन्हीं में से एक भयानक बीमारी है बरगर डिजीज। इसे थ्रॉम्बोएंजाइटिस ओब्लिटेरेंस के नाम से भी जाना जाता है। नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के मानें तो दुनिया में एक लाख में से 15 से 20 लोगों को बरगर बीमारी होती है। इस बीमारी के कारण आर्टरी सिकुड़ जाती हैं, जिसके कारण हाथ- पैर काटने तक की नौबत आ सकती है। आईए जानते हैं आखिर क्या है बर्गर डिजीज?
ज्यादा स्मोकिंग करने से हाथ-पैर की उंगलियों के वेसल्स में सूजन आ जाती है। इससे ब्लड फ्लो कम होता है और वेसल्स में क्लॉटिंग भी हो सकती है। जब पर्याप्त मात्रा में हाथ-पैर में ब्लड नहीं पहुंचता है तो इससे इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है और टिशू भी खराब होने लगते हैं। स्किन की सेल्स डैमेज होती है और गंभीर समस्या हो सकती है।
बरगर डिजीज होने पर हाथ पैरों में दर्द होता है और सोने पर यह दर्द अधिक बढ़ जाता है। बर्गर डिजीज के लक्षण निम्नलिखित हैं।
बरगर डिजीज के कारण व्यक्ति में स्ट्रोक, हार्ट अटैक, गैंगरीन, मिनी स्ट्रोक, हाथों की ब्लड वेसल्स में समस्या के साथ ही नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। बरगर डिजीज का कोई स्थाई इलाज नहीं है। डॉक्टर बीमारी के लक्षणों को कम करने के लिए एंटी इन्फ्लेमेटरी दवाएं देते हैं। साथ ही स्मोकिंग से दूर रहने के सलाह दी जाती हैं। चूंकि ये बीमारी स्मोकर्स को होती है इसलिए डॉक्टर स्मोकिंग या तंबाकू को पूरी तरह से बंद करने की सलाह देते हैं।