मस्तिष्क संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है कोविड-19 वायरस, रिसर्च में हुआ खुलासा

Published : Aug 31, 2024, 10:52 AM ISTUpdated : Aug 31, 2024, 12:45 PM IST
covid 19 needle free vaccine

सार

कोविड-19 महामारी का प्रभाव अभी तक देखने को मिल रहा है। एक नए शोध में सामने आया है कि कोविड-19 का खतरनाक वायरस दिमाग में इन्फेक्शन पैदा कर सकता है।

हेल्थ डेस्क। कोविड-19 का दंश भारत ही नहीं पूरी दुनिया ने झेला है। कोरोना के कारण विश्व में लाखों की संख्या में लोगों की जान गई है। ऐसी महामारी शायद पहले किसी ने नहीं देखी होगी। फिलहाल कोविड का खतरा टल चुका है लेकिन इसका प्रभाव अभी तक देखने को मिल रहा है। एक स्टडी में सामने आया है कि कोविड 19 का खतरनाक वायरस दिमाग में इन्फेक्शन पैदा कर सकता है। SARS-CoV-2 वायरस जो COVID-19 महामारी का जिम्मेदार है व्यक्ति के मस्तिष्क को संक्रमित कर सकता है। चूहों पर किए गए शोध में यह बात सामने आई है। शोधकर्ताओं ने बताया कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन के चलते ये दिमाग की नसों में फैल कर इंफेक्शन पैदा कर सकता हरै। 

स्पाइक प्रोटीन म्यूटेशन कितना महत्वपूर्ण
नेचर माइक्रोबायोलॉजी जर्नल में सामने आई स्टडी स्पाइक प्रोटीन के एक खास भाग पर केंद्रित है। इसे फ्यूरिन क्लीवेज साइट कहा जाता है। यह सामान्यत: नसों की सतह ACE2 रिसेप्टर से जुड़कर वायरस को दिमाग में प्रवेश करने का मौका देता है। हालांकि इस साइट को हटाने पर वायरस को दूसरे रास्ते तलाशने पड़ते हैं। वह पीछे के रास्ते से कोशिकाओं तक पहुंचता है जो कि दिमाग में ज्यादा तेजी से संक्रमण फैला सकता है। कुछ कोविड मरीजों में कई बार चक्कर आना, भूलने की समस्याएं समेत इस प्रकार के न्यूरोलॉजिकल लक्षण देखने को मिलते हैं। 

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चूहों पर रिसर्च में खुलासा
शोधकर्ताओं ने चूहों पर रिसर्च के बाद इस समस्या का खुलासा किया है। रिसर्च में इन चूहों को SARS-CoV-2 से इनफेक्ट करने के बाद वैज्ञानिकों ने फेफड़े और दिमाग दोनों ऊतकों से वायरल जीनोम का एनालिसिस किया। इसमें स्पष्ट हुआ कि फ्यूरिन क्लीवेज साइट म्यूटेशन वाला वायरस दिमाग की नसों को प्रभावित करता है। 

लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर किया रिसर्च
यह रिसर्च लोगों के स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर किया गया था। हालांकि यह रिसर्च चूहों पर किया गया था और यह मनुष्य के लिए भी फैक्टफुल है यह साबित करने के लिए जरूरी है। वैज्ञानिक फिलहाल ये पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि म्यूटेशन के बाद कोरोना वायरस के मस्तिष्क में प्रवेश करने की संभावना क्यों अधिक हो जाती है। 

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