संतरे का जूस पीकर क्या रह सकते हैं जिंदा? 40 दिन का प्रयोग करके महिला ने कही ये बात

संतरा कई तरह के पोषक तत्व से भरपूर होता है। लेकिन सवाल है कि क्या इसका जूस पीकर सिर्फ जिंदा रहा जा सकता है। ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली एक महिला ने कुछ ऐसा प्रयोग किया जिसके चर्चे पूरी दुनिया में हो रहे हैं।

 

Nitu Kumari | Published : Apr 17, 2024 12:53 PM IST

हेल्थ डेस्क. 800 संतरे के साथ एक महिला 40 दिन तक जिंदा रही। उसका जूस पीकर वो एक ऐसा प्रयोग कर रही थी जिसे कोई भी न्यूट्रिशनिस्ट सही नहीं ठहराएगा। ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड में रहने वाली ऐनी ऑस्बॉर्न (Anne Osborne) ने संतरे के जूस पर जिंदा रहने का प्रयोग किया और उन्होंने कहा कि इसे उन्हें इमोशनल, फिजिकल और स्पिरिचुअल लाभ मिलें। सोशल मीडिया पर उन्होंने इसका जिक्र भी किया। जिसे उन्होंने मोनो डाइट बताया।

ऐनी ऑस्बॉर्न ने संतरे के साथ तस्वीर शेयर करके लिखा,'यह संतरा और इसके जैसे 799 संतरे पिछले 40 दिनों से मेरा एकमात्र भोजन रहे हैं । मैने वास्तव में उन आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभों का आनंद लिया है जो एक विस्तारित मोनो ऑरेंज जूस आहार लाता है,मैं लेंट अवधि के लिए 40 दिवसीय मोनो आहार के आध्यात्मिक पहलुओं के अनुरूप भी महसूस करती हूं।'

 

 

क्या संतरे के जूस पर रह सकते हैं?

ऑरेंज जूस में विटामिन सी, पोटेशियम और एंटीऑक्सिडेंट जैसे कुछ पोषक तत्व पाए जाते हैं। लेकिन हेल्थ एक्सपर्ट आमतौर पर ऐसे कमिटमेंट डाइट प्लान को सही नहीं ठहराते हैं। ऐनी के पॉजिटिव अनुभव के बाद भी विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि केवल फल वाले डाइट से लॉन्गटर्म हेल्थ के लिए जरूरी पोषक तत्वों की कमी होती है। उनकी चिंताएं मोनोडाइट से जुड़े संभावित जोखिमों को उजागर करती हैं।

फलहारी होने के कई नुकसान!

न्यूज कॉर्प ऑस्ट्रेलिया की रिपोर्ट है कि द क्लीवलैंड क्लिनिक के अनुसार, फल नेचुरल शुगर, विटामिन और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जिससे मध्यम मात्रा में फलों का सेवन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।हालांकि अधिक मात्रा में फल खाने या फल से भरपूर डाइट लेने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।क्योंकि इससे वजन बढ़ सकता है, मधुमेह हो सकता है और विटामिन बी 12, विटामिन डी, कैल्शियम और ओमेगा -3 फैटी एसिड के निम्न स्तर जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है।इन पोषक तत्वों की कमी से सुस्ती, प्रतिरक्षा प्रणाली की शिथिलता और एनीमिया हो सकता है। एनर्जी को बचाने की कोशिश में मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाएगा। दांतों में सड़न आ जाएगी।

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