दुनिया भर में लगभग 30% महिलाएं हैवी ब्लीडिंग की शिकायत करती हैं। इनमें से 15% को ब्लीडिंग डिसऑर्डर है। इनमें से कई महिलाओं को इलाज नहीं मिलता है, क्योंकि उन्हें पता ही नहीं होता है कि इसके पीछे वजह क्या है।
हेल्थ डेस्क.हर साल 17 अप्रैल का दिन दुनियाभर में वर्ल्ड हीमोफीलिया डे (World Hemophilia Day 2024) के रूप में मनाया जाता है। जो एक जेनेटिक डिसऑर्डर है। हालांकि यह बहुत कम लोगों में पाया जाता है। जिन लोगों को हीमोफीपिया होता है उनके खून का थक्का जम नहीं पाता है। खून का बहाव जल्द रूकता नहीं है। जिससे खून की कमी हो जाती हैं। हीमोफीलिया के मरीजों की संख्या के मामले में भारत दूसरे नंबर पर है। यहां इसके लगभग 1.3 लाख मरीज हैं।
कई बार महिलाओं को पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग होती है। उन्हें लगता है कि यह नॉर्मल है। लेकिन ज्यादा ब्लीडिंग होने पर सावधान होने की जरूरत है। हो सकता है ये हीमोफीलिया की वजह से हो रहा है। हैवी ब्लीडिंग हीमोफीलिया के एक लक्षण है। एक्सपर्ट की मानें तो बहुत महिलाओं के हीमोफीलिया की बीमारी अननोटिस रह जाती है। इसके पीछे जागरुकता की कमी, जांच की दिक्कत और निदान होता है। जिसकी वजह से महिलाओं की जान पर भी कई बार बन आती है।
हीमोफिललिया को लेकर नहीं है महिलाओं में जागरुकता
डॉक्टर कहते हैं कि इन डिसऑर्डर को वॉन विलेब्रांड डिजिज या हीमोफिलिया के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है, लेकिन महिलाएं अक्सर उचित परीक्षण, निदान और उपचार पाने से पहले 15 साल तक इंतजार करती हैं। क्योंकि वे नहीं जानती हैं कि असामान्य रूप से भारी अवधि क्या होती है। इस देरी से उनमें तेज ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है। जो अंत में ब्लड ट्रांसफ्यूजन और कुछ मामलों में हिस्टेरेक्टोमी में समाप्त होता है।
कई तरह के लक्षण आते हैं नजर
वॉन विलेब्रांड रोग ( von Willebrand disease ) और हीमोफिलिया दोनों जेनेटिकल होते हैं। बल्ड थक्का जमने वाले कारकों में निम्म स्तर के कारण होते हैं। रोग मुख्य रूप से शरीर के कोमल ऊतकों को प्रभावित करते हैं, और मरीज़ों को बार-बार और गंभीर नाक से खून आना, अत्यधिक भारी मासिक धर्म और मसूड़ों से खून आना जैसी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
कैसे पता करें कि असामान्य ब्लीडिंग हो रही है?
हैवी या असामान्य ब्लीडिंग का पता लगाने के लिए आपको यह नोटिस करना होगा कि क्या आप हर घंटे पैड या टैम्पोन बदल रही है। रात में पैड या टैम्पोन के बाद भी बिस्तर पर खून का लगना। एक सप्ताह या उससे अधिक समय तक पीरियड का रहना असमान्य लक्षण है। अगर आपके साथ ऐसा हो रहा है तो तुरंत डॉक्टर से दिखाएं।
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