लांसेट आयोग ने अपनी रिसर्च में पाया है कि स्तन कैंसर के मामले 2020 में 2.3 मिलियन से बढ़कर 2040 तक 3 मिलियन से ज्यादा हो जाएंगे और 2040 तक हर साल 10 लाख मौत होने की संभावना है।
2020 के अंत तक 5 सालों में लगभग 7.8 मिलियन महिलाओं में स्तन कैंसर का निदान हुआ, जबकि 685000 महिलाओं की मौत ब्रेस्ट कैंसर से हुई।
लांसेट रिपोर्ट में ब्रेस्ट कैंसर के कारण भयानक असमानता और इस बीमारी को छुपाना, वित्तीय बोझ और जागरूकता की कमी भी बताई गई है।
स्तन कैंसर के लिए पहला इलाज सर्जरी है। इसमें लुम्पेक्टोमी (ट्यूमर और आसपास के ऊतकों को हटाना), मास्टेक्टॉमी (पूरे ब्रेस्ट को हटाना), या लिम्फ नोड को हटाना शामिल हो सकता है।
कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को मारने के लिए शक्तिशाली प्रक्रिया मानी जाती है। इसका उपयोग सर्जरी से पहले ट्यूमर को सिकुड़ने और बाद में इसकी कोशिकाओं को बढ़ने से रोकने में होता है।
हार्मोन थेरेपी का उपयोग हार्मोन रिसेप्टर-पॉजिटिव स्तन कैंसर के इलाज के लिए किया जाता है, जो बढ़ने के लिए एस्ट्रोजन या प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन पर निर्भर होते हैं।
कैंसर से बचाव के लिए टारगेट थेरेपी का चलन भी बहुत ज्यादा है, जिसमें HER2 पॉजिटिव स्तन कैंसर या आनुवंशिक कैंसर के लिए अन्य उपचारों के साथ टारगेट थेरेपी का उपयोग किया जाता है।
इम्यूनो थेरेपी शरीर की इम्यूनिटी को कैंसर कोशिकाओं को पहचानने और उन पर हमला करने में मदद करती है। हालांकि स्तन कैंसर में इसका उपयोग आमतौर कम किया जाता है।