रिफाइंड ऑयल के अत्यधिक सेवन से इसका हेल्थ पर निगेटिव प्रभाव पड़ता है। यहां जानें हेल्थ को होने वाले 7 बड़े नुकसान।
रिफाइंड प्रक्रिया में तेल में मौजूद कई नैचुरल पोषक तत्व जैसे कि विटामिन, एंटीऑक्सिडेंट और फाइटोन्यूट्रिएंट्स हट जाते हैं या काफी कम हो जाते हैं, जिससे पोषण मूल्य कम हो जाते हैं।
मक्का, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे रिफाइंड तेल में ओमेगा -6 फैटी एसिड ज्यादा होता है। अधिक मात्रा में सेवन करने पर शरीर में सूजन पैदा होती है। इंफ्लेमेशन प्रॉब्लम देखने को मिलती हैं।
रिफाइंड तेलों में अक्सर ओमेगा-6 और ओमेगा-3 फैटी एसिड असंतुलित पॉर्शन में होते हैं, इन फैटी एसिड में असंतुलन सूजन को बढ़ावा देते हैं और पुरानी बीमारियों के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
इन ऑयल में हानिकारक कंपाउंड होते हैं जो ट्रांस फैट पैदा कर सकते हैं, ये हार्ट हेल्थ के लिए हानिकारक माने जाते हैं।
नियमित सेवन ओमेगा-6 फैटी एसिड में हाई इंसुलिन प्रतिरोध में योगदान करता है। इसमें कोशिकाएं इंसुलिन के प्रति कम प्रतिक्रियाशील हो जाती हैं, जिससे टाइप 2 मधुमेह का खतरा होता है।
रिफाइंड तेल कैलोरी से भरपूर होते हैं और तृप्ति को बढ़ावा देने वाले पोषक तत्वों में कम होते हैं। इन तेलों की अत्यधिक खपत करने पर वजन बढ़ने और मोटापे में योगदान हो सकता है।
रिफाइंड ऑयल से एलर्जेनिक प्रोटीन के अवशेष हो सकते हैं, जो अतिसंवेदनशील व्यक्तियों में एलर्जी प्रतिक्रियाओं को ट्रिगर कर सकते हैं।