
Cancer Test For Senior Citizens आज के समय में सबसे खतरनाक और जानलेवा बीमारी अगर कुछ है, तो कैंसर का नाम सबसे पहले आता है। कैंसर न सिर्फ दर्दनाक होता है, बल्कि यह महंगा और जानलेवा भी होता है, क्योंकि इसमें बचने के चांस बहुत कम होते हैं। इसलिए डॉक्टर और एक्सपर्ट हमेशा ये कहते हैं कि इस जानलेवा बीमारी से बचना है तो सावधानियां और कुछ जरूरी टेस्ट हैं, जिसे हर उम्र के लोगों को जरूर करवाना चाहिए। आज हम कुछ जरूरी कैंसर टेस्ट के बारे में जानेंगे, जो 60 साल के उम्र के बाद हर सीनियर सिटीजन को जरूर करवाना चाहिए। 60 साल की उम्र के बाद शरीर में कई तरह के बदलाव आने लगते हैं। इम्यून सिस्टम कमजोर होने लगता है, सेल्स फंक्शन कम होने लगती है और इसी कारण कैंसर का खतरा भी बढ़ जाता है। इस उम्र में कई बार कैंसर के शुरुआती लक्षण दिखाई नहीं देते, जिन्हें “साइलेंट कैंसर” कहा जाता है। लेकिन अच्छी बात यह है कि अगर रेगुलर हेल्थ चेकअप और कुछ जरूरी कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट समय पर कराते रहें, तो कैंसर को शुरुआती स्टेज में पकड़ा जा सकता है, जिससे इलाज आसान और सक्सेसफुल हो सकता है।
जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, शरीर की सेल्स में बदलाव होने लगती है और उसकी कार्य क्षमता भी कम होने लगती है। कई बार यह बदलाव कैंसर सेल्स का रूप ले लेते हैं। लेकिन शुरुआती स्टेज में यह बदलाव बिना किसी दर्द या लक्षण के होते हैं, जिससे लोग नहीं समझ पाते हैं कि उन्हें कैंसर हुआ है। खासकर फेफड़े, कोलन, ब्रेस्ट, प्रोस्टेट और स्किन कैंसर अक्सर बिना लक्षण के बढ़ते हैं। इसलिए 60+ उम्र के लोगों के लिए कैंसर टेस्ट सिर्फ जरूरी ही नहीं, बल्कि जीवन रक्षक साबित हो सकते हैं।
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हर व्यक्ति की मेडिकल हिस्ट्री, खानपान, पारिवारिक जेनेटिक फैक्टर और लाइफस्टाइल के हिसाब से डॉक्टर टेस्ट का ड्यूरेशन तय करते हैं। आमतौर पर कोलोनोस्कोपी हर 10 साल में, मैमोग्राफी हर 2 साल में और PSA या स्किन चेकअप सालाना आधार पर कराने की सलाह दी जाती है। अगर परिवार में कैंसर का इतिहास रहा है, तो डॉक्टर टेस्ट की फ्रीक्वेंसी बढ़ाने की सलाह दे सकते हैं।
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जरूरी नहीं कि हर व्यक्ति के लिए सभी टेस्ट हों, लेकिन डॉक्टर की सलाह से कुछ बेसिक कैंसर स्क्रीनिंग हर सीनियर सिटीजन को करानी चाहिए।
ज्यादातर टेस्ट, जैसे ब्लड टेस्ट, पैप स्मीयर या मैमोग्राफी, सामान्य जांच हैं और इनमें बहुत हल्का असुविधा होती है, पर दर्द नहीं। कोलोनोस्कोपी या बायोप्सी जैसी जांचें थोड़ी असहज हो सकती हैं लेकिन सेफ होती हैं।
हां, जेनेटिक हिस्ट्री कैंसर का जोखिम बढ़ सकती है। ऐसे लोगों को 50 की उम्र से पहले या डॉक्टर की सलाह अनुसार कैंसर स्क्रीनिंग शुरू कर देनी चाहिए।
कई सरकारी हॉस्पिटल्स और स्वास्थ्य योजनाओं के तहत सीनियर सिटीजन के लिए कैंसर स्क्रीनिंग टेस्ट बहुत कम कीमत या फ्री में उपलब्ध हैं।
हां, क्योंकि ये टेस्ट कैंसर को उसकी शुरुआती स्टेज में पहचानने में मदद करते हैं। शुरुआती स्टेज में कैंसर का पता चलने पर इसे 90% तक ठीक किया जा सकता है।