Chandigarh: चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने पाई सफलता! कीमोथेरेपी के बिना खोजा ब्लड कैंसर का इलाज, स्टडी में खुलासा

ब्रिटिश जर्नल ऑफ हेमेटोलॉजी में अपने अध्ययन में उन्होंने दावा किया कि 15 साल के शोध के बाद मिली उपलब्धि ने भारत को बिना कीमोथेरेपी की आवश्यकता के रक्त कैंसर का इलाज करने वाला पहला देश बना दिया है।

चंडीगढ़। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि भारतीय डॉक्टरों ने कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किए बिना एक प्रकार के रक्त कैंसर का इलाज ढूंढ लिया है। पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च चंडीगढ़ के डॉक्टरों ने कहा कि तीव्र प्रोमाइलोसाइटिक ल्यूकेमिया (APL) के मरीज इलाज के बाद पूरी तरह से ठीक हो गए।

ब्रिटिश जर्नल ऑफ हेमेटोलॉजी में अपने अध्ययन में उन्होंने दावा किया कि 15 साल के शोध के बाद मिली उपलब्धि ने भारत को बिना कीमोथेरेपी की आवश्यकता के APL ब्लड कैंसर का इलाज करने वाला पहला देश बना दिया है।

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 256 मरीज को किया गया अध्ययन

पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के अध्ययन में कहा गया है, "हमारे अध्ययन से पता चलता है कि आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड (ATO)+ आर्सेनिक ट्राइऑक्साइड (ATRA) का संयोजन अतिरिक्त कीमोथेरेपी के बिना APL के सभी जोखिम भरे इलाज के लिए प्रभावी ढंग से इस्तेमाल किया जा सकता है।" 

हालांकि, उन्होंने कहा कि उच्च जोखिम वाले रोगियों में कीमोथेरेपी का इस्तेमाल किया जा सकता है। प्रोमाइलोसाइटिक ल्यूकेमिया (APL) रोगियों का इलाज वर्तमान में केवल कीमोथेरेपी का इस्तेमाल करके किया जाता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव का जोखिम होता है। इस पर डॉक्टरों ने कहा कि स्टडी के दौरान कुल 256 मरीज उपचार का हिस्सा थे, लेकिन 25 की सात दिनों के भीतर मृत्यु हो गई और उन्हें स्टडी से बाहर कर दिया गया।

ब्लड कैंसर के प्रकार

ब्लड कैंसर तब होता है जब अस्थि मज्जा लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने की अपनी क्षमता में रुकावट पैदा करने लगता है।  ब्लड कैंसर मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं। ल्यूकेमिया रक्त का कैंसर है और यह अस्थि मज्जा में बनता है। जब शरीर बहुत अधिक असामान्य श्वेत रक्त कोशिकाओं का उत्पादन करता है। और यह कैंसर तब होता है जब अस्थि मज्जा लाल रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स बनाने की अपनी क्षमता में हस्तक्षेप करता है। 

हॉजकिन लिंफोमा एक ब्लड कैंसर है, जो लिम्फोसाइट्स नामक सेल से लसीका तंत्र में विकसित होता है। हॉजकिन लिंफोमा की विशेषता रीड-स्टर्नबर्ग कोशिका नामक एक असामान्य लिम्फोसाइट की स्थिति पैदा करता है।मल्टीपल मायलोमा एक प्रकार का ब्लड कैंसर है, जो रक्त की प्लाज्मा कोशिकाओं में शुरू होता है। ये जो अस्थि मज्जा में बनी एक प्रकार की सफेद रक्त कोशिका होती है।

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