
Health Tips Before And After Chhath Puja: छठ पूजा सिर्फ एक व्रत नहीं, बल्कि आस्था और अनुशासन का प्रतीक है। इस पर्व में व्रती (उपवासी) 48 घंटे तक बिना खाना-पीना सूर्य देव की आराधना करते हैं। इतना लंबा निर्जला उपवास शरीर के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब मौसम में ठंड भी बढ़ रही हो। इसलिए, व्रत से पहले और बाद में शरीर का विशेष ख्याल रखना जरूरी है ताकि कमजोरी, डिहाइड्रेशन या ब्लड प्रेशर जैसी दिक्कतें न हों। तो चलिए बताते हैं, छठ महापर्व के दौरान व्रत रखने वालों को क्या-क्या करना चाहिए।
व्रत से पहले खूब पानी पिएं। नारियल पानी, नींबू पानी या बेल का शरबत जैसे नेचुरल ड्रिंक्स शरीर को हाइड्रेट रखते हैं। इससे निर्जला उपवास के दौरान शरीर में पानी की कमी नहीं होती। खरना से पहले से आप पानी का सेवन बढ़ा दें। खरना करने के नारियल पानी का सेवन करें।
खरना के दो दिन पहले से तला-भुना मसालेदार खाना न खाएं। इससे शरीर हल्का रहेगा। प्यास की तासीर भी कम होगी। खरना के दिन, खीर, रोटी, दूध, केला और दलिया जैसे हल्के भोजन खाएं। इससे शरीर में एनर्जी रहेगी।
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व्रत के दिनों में शरीर पर काफी दबाव पड़ता है। इसलिए पूजा से एक दिन पहले 7-8 घंटे की नींद जरूर लें ताकि शरीर रिलैक्स और एनर्जेटिक रहे।
व्रत खोलने के बाद नींबू-चीनी पानी या नारियल पानी का सेवन करें। फिर धीरे-धीरे सामान्य डाइट लें। अचानक मसालेदार चीजें ना खाएं। इससे पेट में गैस बनने लगेगी। कोशिश करें कि व्रत खोलने के बाद लाइट डाइट लें।
अगले कुछ दिनों तक हल्का और पौष्टिक खाना खाएं। हरी सब्जियां, दाल, फल और दूध को डाइट में शामिल करें।
घाट की सफाई, सजावट, प्रसाद बनाना या पूजा की तैयारी करते वक्त खुद को ओवरवर्क न करें। थोड़ा-थोड़ा काम बांटें और बीच-बीच में आराम करें।
सुबह और शाम कुछ मिनट ध्यान या गहरी सांसों के अभ्यास करें। इससे मन शांत रहेगा और कमजोरी महसूस नहीं होगी।
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हार्ट, बीपी व शुगर के मरीज व्रत से पहले डॉक्टर से परामर्श लें और दवाओं की डोज एडजस्ट कराएं। अगर हार्ट, बीपी या शुगर का लेबल ज्यादा है, तो खास सावधानी बरतें। शरीर में पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए खरना के दौरान ज्यादा तरल पदार्थ का सेवन करें। बीपी और शुगर का लेबल व्रत के दौरान जांच रहें।