सावधान! छोटे बच्चे को भी हार्ट अटैक आने का खतरा, जानें 6 कारण, एक तो खाने से है जुड़ा

हेल्थ डेस्क. पिछले कुछ वक्त से हार्ट अटैक के मामलों में तेजी आई है। बड़ों के साथ-साथ बच्चों में भी इसे देखा जा रहा है। सवाल है कि आखिर वो कौन से कारण है जिसकी वजह से बच्चे दिल की बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं। इसे समझना जरूरी है।

Nitu Kumari | Published : Feb 16, 2023 4:52 AM IST

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दिल शरीर का सबसे अहम अंग होता है। अगर ये काम करना बंद कर देगा तो सांसे रुक जाएगी और जिंदगी खत्म हो सकती है। हाल के दिनों में युवाओं के साथ-साथ बच्चों में भी हार्ट अटैक के मामले देखने को मिले हैं। बुजुर्गों की कही जाने वाली बीमारी अब युवा और बच्चों को भी अपने चपेटे में  ले रही है।कोरोना के बाद से तो तेजी से हार्ट अटैक के मामले देखने को मिल रहे हैं। आइए जानते हैं बच्चों में हार्ट अटैक के कारण।
 

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हार्ट अटैक क्यों आता है
हार्ट में  ब्लड पहुंचाने वाली कोशिकाओं में फैट बढ़ने लगता है। इससे खून के प्रवाह पर असर पड़ने लगता है। फैट या प्लाक अधिक जमा होने से ब्लड की कोशिकाएं ब्लॉक हो जाती है। जिसकी वजह से हार्ट तक पर्याप्त मात्रा में खून नहीं पहुंचता है। जिससे दिल का दौरा पड़ता है। बच्चों में हार्ट अटैक के कारण-

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खाने-पीने में लापरवाही
बच्चे बिना खाए-पिए लंबा वक्त गुजार देते हैं।जिसकी वजह से शरीर में मेटाबॉलिक रेट खराब हो जाता है। इससे  हाइपोग्लाइसीमिया होता है और यह हार्ट अटैक की वजह बनती है।

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मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल
कोरोा की वजह से बच्चों की बाहरी दुनिया के बीच संपर्क खत्म हो गया है। खेलने कूदने की जगह उनका ज्यादातर वक्त मोबाइल पर गुजरता है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो मोबाइल का एडिक्शन बच्चों के दिमाग पर असर डालता है। वो ज्यादातर वक्त तनाव महसूस करते हैं। ऐसी स्थिति में भी हार्ट अटैक का जोखिम  बन जाता है।

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मोटापा हार्ट अटैक को देती है बुलावा
बच्चों में ज्यादा मोबाइल के इस्तेमाल से कई और बीमारियां घर कर गई हैं। वो फिटनेस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। जिसकी वजह से मोटापा बढ़ जाता है। यह भी  हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।

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पोषण युक्त भोजन से दूर होना
रिपोर्ट्स की मानें तो भारत के बच्चे हेल्दी खाना छोड़कर जंक फूड की तरफ मुड़ गए हैं। रोटी चावल से ज्यादा वो बर्गर और पिज्जा, चिप्स की मांग करते हैं। जिसकी वजह से मोटापा बढ़ता है और हार्ट अटैक का जोखिम बन जाता है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक भारत ने 5 साल से कम उम्र के 3.30 फ़ीसदी बच्चे मोटापे के शिकार हैं।
 

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डायबिटीज के शिकार
बड़ों के साथ-साथ अब बच्चे भी डायबिटीज के शिकार हो रहे हैं। खराब लाइफस्टाइल और गलत खानपान की वजह से बच्चे दिल के मरीज बनते जा रहे हैं। 

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अनुवांशिक वजहें
हार्ट अटैक बच्चों में जन्मजात गड़बड़ियों की वजह से भी हो सकती है। अनुवांशिक वजह भी बच्चों को दिल का मरीज बना सकती है। बहुत जरूरी है कि माता-पिता अपने बच्चों के सेहत का खास ख्याल रखें। 8 घंटे की नींद, एक्सरसाइज, अच्छा खानपान उसे दें। मोबाइल से ध्यान हटाकर खेल कूद में लगाए।

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